नागपुर – भारत धर्मनिरपेक्ष देश होते हुए भी देश में हलाल प्रमाणपत्र के माध्यम से धर्म के नाम पर समांतर ‘इस्लामी अर्थव्यवस्था’ निर्माण की जा रही है । इस हलाल अर्थव्यवस्था के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ ही राष्ट्र की सुरक्षा के लिए धोका निर्माण हो गया है । ऐसी हलाल अर्थव्यवस्था का विरोध करने के लिए राज्यभर के प्रत्येक जिले में ‘हलाल अनिवार्यता विरोधी कृति समिति’ स्थापित की जाएगी, ऐसी जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्यों के प्रवक्ता श्री. सुनील घनवट ने यहां के ‘टिलक पत्रकार भवन’ में आयोजित पत्रकार परिषद में दी । इस अवसर पर अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महासभा के सभापति श्री. श्यामसुंदर सोनी, अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ के महाराष्ट्र राज्य सचिव श्री. आनंद घारे, हिन्दू जनजागृति समिति के विदर्भ समन्वयक श्री. श्रीकांत पिसोळकर आदि उपस्थित थे ।
हलाल के माध्यम से खडी की जानेवाली अर्थव्यवस्था राष्ट्र के लिए धोके का घंटा ! – सभापति, अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महासभा
हलाल प्रमाणपत्र के विषय में समाज में जागरूकता नहीं । इसलिए अनेक आस्थापन आवश्यकता न होते हुए भी करोडों रुपए व्यय कर हलाल प्रमाणपत्र ले रहे हैं । उसका प्रत्यक्ष विलंब शुल्क (भुर्दंड) सामान्य हिन्दुओं पर पड रहा है, इसके साथ ही हलाल मांस की बाध्यता के कारण कसाई समाज पर बेरोजगार होने का समय आ गया है । मुसलमानों में ब्याज लेना ‘हराम’ है । हलाल के माध्यम से २ ट्रिलीयन से भी अधिक धनराशि खडी हो गई है, यह हिन्दू समाज एवं उनके व्यापार के लिए धोके का घंटा है ।
इस अवसर पर अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ के माध्यम से समाज में ‘हलाल प्रमाणपत्र’ के विषय में जनजागृती करेंगे, ऐसा अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ के महाराष्ट्र राज्य सचिव आनंद घारे ने कहा ।
क्षणिका
इस अवसर पर दृश्यश्रव्य चक्रिका (वीडियो) एवं ‘पीपीटी’ के माध्यम से पत्रकारों को विषय समझाया गया ।