बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का कहना है कि, दस लाख रोहिंग्या उनके देश पर बहुत भारी बोझ हैं। बांग्लादेश इस मसले को संयुक्त राष्ट्र व आसियान में भी उठा रहा है। भारत इसे सुलझाने में बड़ी भूमिका अदा कर सकता है। पांच सितंबर से शुरू हो रहे चार दिन के भारत दौरे से ठीक पहले एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में उन्होंने बांग्लादेश के अंदरूनी हालात, भारत-बांग्लादेश संबंधों व व्यक्तिगत जीवन के बारे में विस्तार से बातचीत की। उन्होंने स्वीकार किया रोहिंग्या उनकी सत्ता के लिए खतरा बन गए हैं।
रोहिंग्या बांग्लादेश के लिए बोझ हैं, हमारे पास उनको रखने के लिए जगह नहीं: शेख हसीना, प्रधानमंत्री, बांग्लादेश#Rohingya #SheikhHasina pic.twitter.com/fAFpHuZzz4
— Gaurav Agrawal (@GauravAgrawaal) September 4, 2022
उन्होंने कहा, रोहिंग्या अब बांग्लादेश के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं। इस समुदाय के लोग ड्रग्स और हथियारों से लेकर महिलाओं-बच्चों की तस्करी व तरह-तरह के अपराधों में लगे हैं। जितने जल्दी ये म्यांमार लौटें, उतना ही बेहतर होगा। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के सवाल पर उन्होंने कहा, यह बर्दाश्त नहीं हैं। बांग्लादेश में चरमपंथी वारदात बढ़ी हैं, लेकिन पूरी दुनिया में नफरत बढ़ी है। इसमें सोशल मीडिया की भूमिका सबसे ज्यादा है। जब तक मेरी सरकार है, अल्पसंख्यकों को डरने की जरूरत नहीं है। हिंदुओं पर हमले पर खेद जताते हुए उन्होंने कहा कि भारत के लोगों को इसके बारे में थोड़ा उदार होकर सोचना चाहिए। एक-दो घटनाओं के आधार पर पूरे देश या समाज का चरित्र तय नहीं होता। एजेंसी
बांग्लादेश की पीएम ने कहा कि रोहिंग्या प्रवासियों को शिविर में रखा गया है। इससे हमारे पर्यावरण को खतरा है। कुछ रोहिंग्या नशीले पदार्थों की तस्करी, आपराधिक घटनाओं और महिला तस्करी में लिप्त हैं। दिन प्रतिदिन वे बढ़ रहे हैं। इसलिए जितनी जल्द हो सके वे अपने देश लौट जाएं यह हमारे देश के लिए अच्छा है। यह म्यांमार के लिए भी अच्छा है। इसलिए हम पूरी कोशिश कर रहे हैं। हम म्यांमार के साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय जैसे आसियान या यूएनओ और अन्य देशों से चर्चा कर रहे हैं।
स्रोत: अमर उजाला