नई दिल्ली : द्वारकापीठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को निधन हो गया। 99 साल की आयु में उन्होंने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि, वे इन दिनों नरसिंहपुर में झोटेश्वर परमहंसी गंगा आश्रम में रह रहे थे। दोपहर 3.30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। मुख्यमंत्री मोदी समेत अन्य नेताओं ने उनके निधन पर दुख जताया है।
द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वतीजी को हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।
आजतक हिन्दू धर्म के लिए आपने जो योगदान दिया है, उसके लिए हम आपके प्रति कोटि-कोटि कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। pic.twitter.com/zKs84R7Wpg
— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) September 11, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। शोक के इस समय में उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। सनातन संस्कृति व धर्म के प्रचार-प्रसार को समर्पित उनके कार्य सदैव याद किए जाएंगे। उनके अनुयायियों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करें।
Dwarka Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati passes away at the age of 99, in Madhya Pradesh's Narsinghpur
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— ANI (@ANI) September 11, 2022
स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म 1924 में मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के दिघोरी गांव में पोथीराम उपाध्याय के रूप में हुआ था। मात्र 9 साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़कर धर्म की तरफ रुख किया था। उन्होंने काशी (यूपी) में वेद-वेदांग और शास्त्रों की शिक्षा ली थी। 1982 में वे गुजरात में द्वारका शारदा पीठ और बद्रीनाथ में ज्योतिर मठ के शंकराचार्य बने थे।
स्रोत : जी न्यूज