वक़्फ कानून के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने का मामला अदालत में है। अब इसी मामले में जमीयत उलेमा ए हिंद की ओर से दायर याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए 4 नवंबर तक जवाब मांगा है।
अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की अर्जी का विरोध
आपको बताते चलें कि, ‘जमीयत उलेमा ए हिंद’ ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अर्जी दायर कर वक़्फ एक्ट के प्रावधानों को चुनौती देने वाली अश्विनी उपाध्याय की अर्जी का विरोध किया है। दरअसल जमीयत ने इस मसले में खुद को पक्षकार बनाने की मांग करते हुए अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की याचिका खारिज करने की मांग की है। वहीं आज हुई सुनवाई में जमीयत की याचिका पर सेंट्रल वक़्फ़ कॉउन्सिल को भी दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस दिया है।
Jamiat Ulama-i-Hind has moved to Delhi High Court opposing a PIL by BJP leader Ashwini Upadhyay challenging constitutional validity of the Waqf Act. #DelhiHighCourt #Jamiat #WaqfAct pic.twitter.com/f5LYtF1kyu
— Bar & Bench (@barandbench) September 15, 2022
समानता के मूल अधिकारों के हनन का हवाला
दरअसल याचिकाकर्ता उपाध्याय के अनुसार, वक्फ संपत्तियों को विशेष दर्जा हासिल है। ऐसे अधिकार हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध या ईसाई धर्म के पास नहीं हैं। यही नहीं, ये एक्ट वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के तौर पर दर्ज कर, कब्जा करने की मनमानी शक्ति भी देता है। इस याचिका के जरिए वक्फ एक्ट के सेक्शन 4, 5, 6,7, 8, 9 और 14 को चुनौती दी गई है।
Supreme Court will hear the petition challenging constitutional validity of #WaqfAct on 19th.#WaqfAct is totally against the basic structure of our Constitution
— Ashwini Upadhyay (@AshwiniUpadhyay) September 15, 2022
याचिकाकर्ता का कहना है कि, इन प्रावधानों के चलते वक्फ संपत्तियों को विशेष दर्जा हासिल है, ऐसा दर्जा ट्रस्ट, मठ, अखाड़े की संपत्ति को हासिल नहीं है। यही नहीं इस एक्ट के तहत हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध के पास अपनी संपत्ति को वक्फ संपत्ति में शामिल होने से बचाने के लिए भी कोई प्रावधान नहीं है। लिहाजा ये एक्ट समानता के मूल अधिकारों का हनन करता है।
8 लाख एकड़ जमीन पर वक्फ का कब्जा
याचिका के मुताबिक संपत्ति हासिल करने के लिए वक्फ बोर्ड को जो मनमाने अधिकार मिले हैं, उसके चलते पिछले 10 साल में वक्फ बोर्ड ने बहुत तेजी से दूसरों की संपत्ति पर कब्जा कर उन्हें वक्फ संपत्ति के तौर पर दर्ज किया है। जिसका नतीजा ये निकला है कि आज देशभर में करीब 6।6 लाख संपत्तियों को वक्फ संपत्तियों के रूप में दर्ज किया गया है। इस हिसाब से देश की करीब 8 लाख एकड़ जमीन पर इनका कब्जा है।
आपको बताते चलें कि जुलाई 2020 तक के ये आंकड़े खुद अल्पसंख्यक मंत्रालय के तहत आने वाले वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया की ओर से जारी किए गए थे।
स्रोत : जी न्यूज