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झारखंड में ईसाई मशीनरियों का खेल : प्रलोभन देकर ग्रामीणों से करवा रहे थे धर्म परिवर्तन

लोगों के विरोध के बाद भाग गए

धनबाद (झारखंड) – झारखंड में धनबाद के बलियापुर थाना क्षेत्र के आमझर रविदास टोला में पांच दलित परिवारों के 50 लोगों द्वारा ईसाई धर्म अपनाने और प्रार्थना-सभा करने के विरोध में जमकर हंगामा हुआ। प्रार्थना-सभा ग्रामीण मधुसूदन रविदास के घर में हो रही थी। जानकारी मिलते ही बजरंग दल के नेता पहुंच गए और विरोध किया। हिन्दुओं के विरोध को देख प्रार्थना सभा कराने पहुंचे पादरी घर में छिप गए। जानकारी के अनुसार, गांव के पांच परिवारों के 50 लोगों ने तीन साल पूर्व ईसाई धर्म अपना लिया था।

हर रविवार होती है प्रार्थना-सभा

धर्मांतरण करनेवाले लोगों की मानें तो तीन साल पूर्व दीपक कुमार दास को हार्ट की बीमारी का पता चला। इलाज को लेकर वे कई जगहों पर गए। इस दौरान उसकी मुलाकात पास्टर असीम नंदी से हुई। नंदी आमझर रविदास टोला आने-जाने लगा। इसी बीच पांच परिवार ईसाई धर्म के प्रति आकर्षित हुए और परिवार के सदस्यों ने ईसाई धर्म अपना लिया। ग्रामीणों ने कहा कि, हर रविवार यहां प्रार्थना सभा की जाती है।

बजरंग दल का आरोप – बहला फुसला कर बदला जा रहा धर्म

बलियापुर में प्रार्थना सभा की सूचना पर पहुंचे बजरंग दल के नेता और लोगों ने जमकर हंगामा किया। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और ग्राीमीणों को समझाकर मामला शांत कराया। बजरंग दल के नेताओं का कहना था कि, ईसाई धर्म वाले ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं। ऐसे लोग समय रहते बाज आयें। पुलिस ऐसे तत्वों पर नजर रखे। यहां से दोनों पक्ष के लोग थाना पहुंचे।

जोर जबरदस्ती से नहीं, स्वेच्छा से अपना रहे ईसाई धर्म – पादरी

पूरे मामले के आरोपी पास्टर असीम कुमार नंदी ने कहा कि, वे लोग जोर-जबरदस्ती कर किसी का धर्म परिवर्तन नहीं करा रहे हैं। लोग स्वेच्छा से ईसाई धर्म अपना रहे हैं। संविधान के अनुसार कोई भी अपना धर्म परिवर्तन कर सकता है। उन्होंने कहा कि बजरंग दल के लोग धमकी दे रहे हैं।

धर्म बदलने वाले परिवार के लोगों ने कहा दबाव नहीं स्वेच्छा से बदला धर्म

धर्म परिवर्तन करने वाले परिवार के लोगों का कहना है कि, उन लोगों ने बिना किसी दबाव में स्वेच्छा से ईसाई धर्म अपनाया है। ईसाई धर्म के प्रति उनकी गहरी आस्था है। वहीं, विरोध करनेवाले ग्रामीणों ने कहा कि, ईसाई धर्मगुरु ग्रामीणों में भय का माहौल पैदा कर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करता है। हर रविवार को पूरे गांव में जल छिड़काव कराया जाता है।

बिना अनुमती नहीं कर सकते धर्म परिवर्तन – पुलिस

बलियापुर की थाना प्रभारी श्वेता कुमारी ने कहा कि दोनों पक्षों में समझौता हो गया है। वरीय अधिकारियों के बिना अनुमती के कोई धर्म परिवर्तन नहीं कर सकता है। गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है। मामले की जांच की जा रही है।

स्रोत: आशिया नेट न्यूज

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