‘हिन्दू सुरक्षित, राष्ट्र सुरक्षित’ परिचर्चा उत्साह में संपन्न !
रायपुर (छत्तीसगढ) – प्रभु श्रीरामचंद्र और सर्व देवी-देवताओं के आशीर्वाद हमारे साथ होने के कारण हिन्दुओं को भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है । प्रत्येक बार संघर्ष करने के लिए शस्त्र हाथ में लेना आवश्यक नहीं है, अपितु कानूनी संघर्ष करने पर भी हम हिन्दुओं पर होनेवाला अन्याय दूर कर सकते हैं । हिन्दू बहुसंख्यक हों अथवा अल्पसंख्यक हो, हिन्दुओं का पक्ष सत्य है । इसलिए यदि हिन्दू न्यायालय में कानूनी संघर्ष करें, तो निश्चित ही अंतिम विजय हिन्दुओं की ही होगी, ऐसा प्रतिपादन सर्वाेच्च न्यायालय के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने किया । वे ‘हिन्दू सुरक्षित, राष्ट्र सुरक्षित’ इस परिचर्चा में बोल रहे थे । ‘अखिल भारतीय हिन्दू स्वाभिमान सेना’, ‘मिशन सनातन’ और ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ के संयुक्त तत्त्वाधान में यह परिचर्चा आयोजित की गई थी ।
इस समय प्रमुख वक्ता के रूप में शदानी दरबार तीर्थ के नवम पीठाधीश पू. डॉ. युधिष्ठिरलालजी महाराज, सनातन संस्था के धर्मप्रचारक पू. अशोक पात्रीकर, सुदर्शन न्यूज चैनल के प्रमुख संपादक और प्रबंधकीय संचालक श्री. सुरेश चव्हाणके, हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र और छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट, अखिल भारतीय हिन्दू स्वाभिमान सेना के संस्थापक श्री. अमित चिमनानी उपस्थित थे ।
छत्तीसगढ़ रायपुर में @HinduJagrutiOrg
अखिल भारतीय हिंदू स्वाभिमान सेना,सनातन मिशन आयोजित #हिन्दूसुरक्षित_राष्ट्रसुरक्षित कार्यक्रमें राज्य से आए 800 सेअधिक हिंदुओं ने @SureshChavhanke और @Vishnu_Jain1 जी के साथ किया उदघोष
अयोध्या तो 1 झांकी है, हिन्दुओं के
4 लाख मंदिर बाकी है! pic.twitter.com/vOkDpB8Zt3— Sunil Ghanwat (@SG_HJS) September 19, 2022
अयोध्या तो एक झांकी है, हिन्दुओं के चार लाख मंदिर बाकी हैं ! – श्री. सुरेश चव्हाणके
इस समय ‘सुदर्शन चैनल’ के प्रमुख संपादक सुरेश चव्हाणके ने कहा कि, हमें ‘हिन्दू और हिन्दुत्व को समझ लेना आवश्यक है । हिन्दुओं के संगठित होने और हिन्दू राष्ट्र स्थापित होने पर ही वास्तविक रूप से हिन्दू सुरक्षित होंगे । आज हिन्दू महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, हिन्दू लडकियां सुरक्षित नहीं हैं, हिन्दू परंपराएं सुरक्षित नहीं हैं, हिन्दू धर्म सुरक्षित नहीं है, इसके लिए हमें हिन्दू राष्ट्र स्थापित करना आवश्यक है । हिन्दुओं पर होनेवाले अन्याय के विरुद्ध सुदर्शन चैनल आवाज उठा रहा है । छत्तीसगढ में धर्मपरिवर्तन और गो-तस्करी की समस्याएं गंभीर हैं । यह रोकना हो, तो राजनीतिक दल के रूप में विचार न करते हुए हम सबको संगठित होना चाहिए । व्यक्ति किसी भी दल का हो; परंतु उसे धर्म, राष्ट्र एवं हिन्दुत्व के लिए कार्यरत रहना चाहिए । अयोध्या की श्रीरामजन्मभूमि हमें मिल गई है; परंतु ‘अयोध्या तो एक झांकी है, हिन्दुओं के चार लाख मंदिर बाकी हैं !’
इस समय शदानी दरबार के नवम पीठाधिश पू. युधिष्ठिरलालजी महाराज ने कहा कि, हिन्दू संगठनों ने एकत्रित आकर आयोजित किया हुआ यह कार्यक्रम प्रशंसनीय है तथा यह कार्यक्रम आयोजित करने के कारण सबका अभिनंदन किया । हिन्दू ऐसे ही संगठित होते रहे तो हिन्दू राष्ट्र आना दूर नहीं है । संत समाज और शदानी दरबार इस कार्य में सदैव साथ रहेंगे, ऐसा भी महाराज ने सबको आश्वस्त किया ।
इस समय सनातन संस्था के धर्मप्रचारक संत पू. अशोक पात्रीकर ने कहा कि, हिन्दुओं के 33 कोटि देवताओं का विशिष्ट कार्य है । धर्मकार्य करने के लिए संबंधित देवताओं के आशीर्वाद मिलने के लिए सबको उपासना करना आवश्यक है । हिन्दू धर्म पर बढ रहे विविध जिहादी संकट दूर करने के लिए हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना ही एकमात्र उपाय है ।
‘हलाल मुक्त दीपावली’ मनाने का संकल्प करें ! – श्री. सुनील घनवट
आज ‘हलाल’ शब्द केवल प्राणियों के मांस तक सीमित नहीं रह गया है, अपितु खाद्यपदार्थ, मॉल और ‘मैकडोनल्ड’ जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी ‘हलाल सर्टिफिकिट’ ले रही हैं । ‘हलाल सर्टिफिकिट’ देनेवाली संस्थाएं आतंकवादी कार्यवाहियों में गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों को कानूनी सहायता कर रही हैं । इसलिए हमें ‘हलाल प्रमाणित’ उत्पादनों का बहिष्कार करना चाहिए । इस वर्ष हम राज्य में ‘हलालमुक्त दीपावली’ मनाने का निश्चय करेंगे, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र और छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने किया । हिन्दुत्व का कार्यक्रम सबको राजनीतिक कार्यक्रम लगता है; परंतु आज केवल हिन्दुओं का हिन्दुत्व कार्यक्रम हो सकता है, यह सिद्ध हुआ है । अब हमें ‘गढबो नवा छत्तीसगढ’ के नारे लगाने की अपेक्षा ‘गढबो हिन्दू राष्ट्र छत्तीसगढ’ ऐसा उद्घोष करना चाहिए, ऐसा भी श्री. घनवट ने कहा ।
इस समय अखिल भारतीय हिन्दू स्वाभिमान सेना के संस्थापक श्री. अमित चिमनानी ने कहा कि, अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और सुरेश चव्हाणके के समर्थन में सर्व समाज और पूर्ण छत्तीसगढ है । छत्तीसगढ की भूमि ऐतिहासिक और आध्यात्मिक भूमि है । स्वामी विवेकानंदजी की कर्मभूमि है । माता कौशल्या की जन्मस्थली है । इस भूमि से अनेकों में शौर्य उत्पन्न होता है । ‘गर्व से कहो हम हिन्दू हैं !’ ऐसा कहते हुए भगवे की शक्ति हमें ध्यान में लेनी पडेगी । हिन्दू कहीं भी अडचन में हो, तो हमें उसकी सहायता करनी चाहिए । हम सबको संगठित रूप से कार्य करना चाहिए ।
? हलाल उत्पाद मुक्त छत्तीसगढ़ ।
? पूरे देश में धर्मपरिवर्तन पाबंदी कानून लागू किया जाए ।
? छत्तीसगढ़ में लव जिहाद विरोधी कानून बनाया जाए ।
इसका समर्थन #जयतु_जयतु_हिंदूराष्ट्रम नारे के साथ।#हिंदूसुरक्षित_राष्ट्रसुरक्षित #SaveHindus_SaveNation @YogeshMishraK @caamitchimnani pic.twitter.com/9N1ROXBdVr— Sunil Ghanwat (@SG_HJS) September 19, 2022
इस परिचर्चा का उद्देश्य श्री. मदन मोहन उपाध्याय ने स्पष्ट किया तथा श्री. मदन मोहन उपाध्याय और हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती अनुभूती टवलारे ने कार्यक्रम का सूत्रसंचालन किया । कु. अरायाना चिमनानी और कु. वैष्णवी उपाध्याय इन दो छोटी रणरागिनियों ने गीत और कविता के माध्यम से हिन्दू धर्मरक्षणार्थ कार्यरत होने के लिए हिन्दू समाज को आवाहन किया । इस समय सम्मान चिन्ह देकर वक्ताओं का सत्कार किया गया तथा सक्रिय हिन्दुत्वनिष्ठ पदाधिकारियों का भी सत्कार श्री. सुरेश चव्हाणके के करकमलों से किया गया । कार्यक्रम में अखिल भारतीय हिन्दू स्वाभिमान सेना, मिशन सनातन, हिन्दू जनजागृति समिति, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, शदानी दरबार, सनातन संस्था आदि विविध संगठनों के 800 से अधिक कार्यकर्ता उपस्थित थे ।