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हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए राजसत्ता पर धर्मसत्ता का अंकुश होना चाहिए – जगद्गुरु स्वामी राम राजेश्वराचार्य, समर्थ माऊली सरकार, पीठाधीश्वर, रुक्मिणी विदर्भ पीठ, अमरावती

१.दीपप्रज्वलन करते हुए श्री. सुनील घनवट, उनके साथ जगद्गुरु स्वामी राम राजेश्वराचार्य एवं अन्य संत, महंत २. जगद्गुरु स्वामी राम राजेश्वराचार्य

अमरावती – समाज, राष्ट्र एवं धर्म की स्थिति देखते हुए ‘सङ्घे शक्तिः कलौ युगे ।’ (कलियुग में संगठित रहने में ही सामर्थ्य होता है) इस नियमानुसार हमें कार्य करना होगा । हमें अयोध्या मिली, अब संघर्ष कर काशी एवं मथुरा प्राप्त करना है । हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए राजसत्ता पर धर्मसत्ता का अंकुश होना चाहिए । धर्मांधों ने हमारी मूर्तियां तोडकर हमारा धर्म समाप्त करने का प्रयत्न किया; परंतु हम सूर्य को भी भगवान मानते हैं, भला उसे कोई स्पर्श कर सकता है क्या ? हम जल को भी भगवान मानते हैं, उसे कोई नष्ट कर सकता है क्या ? इसीलिए अनादि अनंत ऐसे हमारे हिन्दू धर्म को किसी भी प्रकार से कोई नष्ट नहीं कर सकेगा ।

जगद्गुरु स्वामी राम राजेश्वराचार्य

भूमि, जल, आकाश नष्ट हो गए, तो धर्मांध भी जीवित नहीं रह पाएंगे, ऐसा मार्गदर्शन कौंडण्यपुर (अमरावती) में रुक्मिणी विदर्भ पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी राम राजेश्वराचार्य ने किया । श्री रुक्मिणी विदर्भ पीठ, कौंडण्यपुर, जिला अमरावती की ओर से गणेशोत्सव के उपलक्ष्य में गणेशयाग, चिंतामणी गणेश मंदिर स्थापना, संत सम्मेलन एवं शोभायात्रा का भव्य आयोजन किया गया था । उसमें वे बोल रहे थे । इस अवसर पर उन्होंने ‘सङ्घे शक्तिः कलौ युगे ।’ ऐसा उद्घोष उपस्थितों से कुछ समय करवा लिया । इस अवसर पर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए प्रतिज्ञा ली गई । उसे उत्स्फूर्त प्रतिसाद मिला ।

सवेरे नगर के मुख्य मार्ग पर शोभायात्रा निकाली गई । शोभायात्रा में विविध संतों के रथ, वारकरी दिंडी (यात्रा), वनवासी लोगों के पारंपरिक नृत्य शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण थे । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से पुष्पवृष्टि करते हुए शंखनाद से शोभायात्रा का स्वागत किया गया । इस अवसर पर रथ में उपस्थित सभी संतों ने कार्यकर्ताओं को आशीर्वाद दिए । संत सम्मेलन का प्रारंभ दीपप्रज्वलन से हुआ ।

इस प्रसंग में विविध संत, महंत के साथ हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट भी उपस्थित थे ।

भेदभाव भुलाकर हिन्दू के रूप में संगठित होने पर हिन्दू राष्ट्र का भविष्य सुरक्षित रहेगा ! – जनार्दन हरीजी महाराज

पहले से ही संतों ने समाज को प्रेम देकर उनकी रक्षा की है । उन्होंने कभी भी भेदभाव नहीं सिखाया । इसलिए सभी को किसीप्रकार का भेदभाव मन में न रखते हुए केवल हिन्दू के रूप में संगठित होना चाहिए । वैसा होने पर ही हिन्दू राष्ट्र का भविष्य सुरक्षित रहेगा ।

हिन्दू धर्म की रक्षा करने के लिए हिन्दू राष्ट्र निर्माण होना ही चाहिए ! – बालकदासजी महाराज, प्रवक्ता, अखिल भारतीय संत समिति

हिन्दू धर्म के देवता महान होते हुए भी आज अपने ही लोग मजारों पर माथा टेकने जाते हैं, यह अत्यंत खेदजनक है । हिन्दू संस्कृति पर कीचड उछालनेवालों का हिन्दुओं को दृढता से विरोध करना चाहिए । हिन्दू धर्म पर संकट दूर करने के लिए शीघ्र से शीघ्र हिन्दू राष्ट्र निर्माण होना चाहिए ।

भाईचारे की सीख एक ओर रख हिन्दू जागरूक हों ! – नारायण भोलेशंकरजी महाराज, हनुमानगढी, अयोध्या

हम हिन्दू भाईचारे की बात करते हैं, अन्य धर्मियों को भाई मानते हैं; परंतु वे हमें चारा मानते हैं । अब ऐसा न हो, इसलिए देश के हिन्दुओं को जागरूक होना चाहिए ।

जगद्गुरु, संत, महंत ‘केसरी सेना’की स्थापना कर हिन्दू राष्ट्र स्थापन करेंगे ! – सुनील घनवट, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक, हिन्दू जनजागृति समिति

भारत, यह स्वयंभू हिन्दू राष्ट्र एवं विश्वगुरु है । तब भी ‘हिन्दू राष्ट्र’, यह शब्द राज्यसंविधान में अंतर्भूत कर, उसे हिन्दू राष्ट्र घोषित करें । प्रभु श्रीरामचंद्रजी ने वानरों की सेना निर्माण कर रामराज्य की स्थापना की, भगवान श्रीकृष्ण से पांडवों के लिए सेना खडी कर धर्मसंस्थापना की, तो छत्रपति शिवाजी महाराजजी ने मावलों (सैनिकों) की सेना तैयार कर स्वराज्य स्थापित किया । उसीप्रकार जगद्गुरु, संत, महंत ‘केसरी सेना’की स्थापना कर हिन्दू राष्ट्र स्थापित करेंगे, ऐसा विश्वास हिन्दुओं में निर्माण हुआ है ।

संतों की वंदनीय उपस्थिति !

मालाड, मुंबई में श्री टिलाद्वारा गाद्याचार्य मंगल पीठाधीश्वर यज्ञसम्राट श्री श्री १००८ श्री माधवाचार्यजी महाराज, अयोध्या के श्री महंत गौरी शंकर दासजी महाराज, निर्मल आखाडा (हरिद्वार) के अखिल भारतीय संत समिति के प्रमुख निर्देशक श्री श्री १००८ निर्मल पीठाधीश्वर श्री महंत ज्ञानदेवसिंहजी, मध्यप्रदेश के अखिल भारतीय संत समिति के संयुक्त राष्ट्रीय महामंत्री महामंडलेश्वर श्री राधे राधे बाबा, हरिद्वार के आखाडा परिषद के अध्यक्ष श्री. महेंद्र रविंद्र पुरीजी महाराज, जबलपुर के नरसिंग मंदिर, गीताधाम के श्री महंत डॉ. नरसिंग दासजी महाराज, हरिद्वार के अखिल भारतीय संत समिति के केंद्रीय मंत्री ईश्वरदासजी महाराज, अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री महंत बालक दासजी महाराज, महामंडलेश्वर आचार्य, गुरुग्राम के श्री धर्मदेवजी महाराज, अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री हनुमान दासजी महाराज, अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष महामंडलेश्वर श्री जनार्दश हरीजी महाराज, अमरावती के रामप्रिया फाऊंडेशन श्री. रामप्रियाजी माई

कार्यक्रम की चुनिंदा क्षणिकाएं

१. अमरावती के सांसद श्रीमती नवनीत राणा ने कार्यक्रमस्थल पर लगाए ग्रंथप्रदर्शन को भेट दी । इस अवसर पर उन्हें हिन्दू जनजागृति समितिपुरस्कृत ‘लव जिहाद’ ग्रंथ भेट दिया गया । उन्होंने ‘लव जिहाद’ एवं ‘हलाल जिहाद’ ये दो विषय संसद में रखने का आश्वासन दिया ।

२. विश्व हिन्दू परिषद के आंतरराष्ट्रीय महामंत्री श्री. प्रशांतजी हरताळकर के साथ श्री. सुनील घनवट ने हलाल जिहाद के विषय में चर्चा की ।

३. स्वामीजी ने हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘समिति निःस्वार्थभाव से हिन्दू राष्ट्र-जागृति के लिए कार्य कर रही है । इसलिए हमें संत-सम्मेलन में हिन्दू राष्ट्र के लिए शपथबद्ध होना ही चाहिए ।’’

४. इस अवसर पर विधायक रवि राणा, भूतपूर्व पालकमंत्री यशोमतीताई ठाकुर, भूतपूर्व पालकमंत्री जगदीश गुप्ता, भूतपूर्व महापौर विलास इंगोले भी कार्यक्रम में उपस्थित थे ।

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