पुणे, कोल्हापुर एवं सोलापुर में हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं के लिए तीन दिवसीय नेतृत्व विकास कार्यशालाओं का आयोजन !
कोल्हापुर – योग्य नियोजनकौशल्य एवं निर्णयक्षमता, इन गुणों के आधार पर खरे अर्थ में ‘नेतृत्व विकास’ साध सकते हैं । इसलिए प्रत्येक को यह गुण स्वयं में लाने का प्रयत्न करना आवश्यक है । हम हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आनेवाले विविध उपक्रमों के माध्यम से आदर्श हिन्दूसंगठन निर्माण कर सकते हैं । ग्रंथ, संगठन का कार्य करते हैं । परात्पर गुरु डॉ. आठवले ने ग्रंथ लेखन के माध्यम से ज्ञानशक्ति का भंडार उपलब्ध किया है । उस ज्ञान के आधार पर हिन्दुओं का प्रभावी संगठन बनाएंगे, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने किया ।
हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से कोल्हापुर, सोलापुर एवं पुणे, इन ३ स्थानों पर हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं के लिए तीन दिवसीय ‘नेतृत्व विकास कार्यशाला’ओं का आयोजन किया गया था । इन तीनों कार्यशालाओं में श्री. रमेश शिंदे ने मार्गदर्शन किया । इसके साथ ही सनातन संस्था की धर्मप्रचारक सद्गुरु स्वाती खाडये को भी इस अवसर पर मार्गदर्शन करने के लिए आमंत्रित किया गया था । कोल्हापुर की कार्यशाला में सनातन की पू. (डॉ.) श्रीमती शरदिनी कोरे एवं सोलापुर में सनातन की पू. (कु.) दीपाली मतकर की वंदनीय उपस्थिति थी । पुणे, कोल्हापुर एवं सोलापुर की कार्यशालाओं में समिति के अनुक्रम ७०, ८० एवं ८० कार्यकर्ता एवं धर्मप्रेमियों ने सहभाग लिया ।
श्री. शिंदे आगे बोले, ‘‘हमें जागृत हिन्दुओं का संगठन करना है । हिन्दूसंगठन के लिए ‘एकल कार्यकर्ता-सकल अभियान’के माध्यम से अकेला कार्यकर्ता भी अनेक उपक्रम प्रभावीरूप से कार्यान्वित कर सकता है । इसके लिए तैयार होना है ।’’
कार्यशालाओं में विषय एवं प्रायोगिक भाग !
इन तीनों कार्यशालाओं में नियोजनक्षमता का विकास, गुणसंवर्धन, आदर्श संपर्क कैसे करें ?, सूचना के अधिकार का उपयोग कैसे करें ?, उपक्रमों के वृत्त कैसे बनाएं ? इसके साथ ही विविध विषयों पर मार्गदर्शन एवं प्रायोगिक भाग लिया गया । इस कार्यशाला में आंदोलन करने के पीछे उद्देश्य, आंदोलन के प्रकार, विशेष आंदोलन, हिन्दू राष्ट्र के विषय में आक्षेप एवं खंडन, हिन्दू जनजागृति समिति के विविध उपक्रमों के विषय की नीति, कार्यपद्धति एवं दिशा इत्यादि महत्त्वपूर्ण विषयों पर मार्गदर्शन किया गया ।