हिन्दू जनजागृति समिति एवं वारकरी संगठनों के संगठित विरोध के कारण विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर के कार्यकारी अधिकारी गजानन गुरव को पद से हटाया !
पंढरपुर में विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर के भजन-कीर्तन पर प्रतिबंध का प्रकरण
▪ हिन्दू जनजागृति समिति एवं वारकरी संगठन की सफलता !
▪ वारकरियों के भजन-कीर्तन से मंदिर पुन: एक बार हुआ निनादित !
पंढरपुर – यहां के विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर के कार्यकारी अधिकारी गजानन गुरव ने एकाएक पंढरपुर के विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर में भजन-कीर्तन करने पर प्रतिबंध लगाया था । इस निर्णय का हिन्दू जनजागृति समिति, वारकरी पाईक संघ, राष्ट्रीय वारकरी परिषद ने तीव्र विरोध किया था । हिन्दू जनजागृति समिति ने गुरव के विरोध में कार्रवाई की मांग की थी । इसकारण अंततः शासन ने अध्यादेश निकाल कऱ ‘गजानन गुरव से कार्यकारी अधिकारीपद का अतिरिक्त कार्यभार उनसे वापस ले लिया था । अब यह कार्यभार सोलापुर के अपर जिलाधिकारी संजीव जाधव को दिया है, ऐसा एक पत्रक द्वारा सूचित किया गया । इससे वारकरियों में उत्साह का वातावरण है और मंदिर में पुन: वारकरियों के भजन-कीर्तन गूंज रहा है ।
इस संदर्भ में अधिक जानकारी इसप्रकार है,
१. पंढरपुर के विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर में १९ सितंबर को एक वारकरी संगठन के भजन-कीर्तन सप्ताह के चलते एकाएक उन्हें भजन-कीर्तन बंद कर बाहर जाने के लिए कहा गया । इससे वारकरियों में रोष फैल गया ।
२. इस पर कार्यकारी अधिकारी गजानन गुरव ने ‘मंदिर में भजन-कीर्तन पर प्रतिबंध न होकर केवल ध्वनिक्षेपक बंद करने के लिए कहा था’, ऐसा कहते हुए बचावात्मक भूमिका अपनाई । हिन्दू जनजागृति समिति ने इसका विरोध करते हुए ‘भजन-कीर्तन से कष्ट होता है’, ऐसा कहनेवाले अधिकारियों को मंदिर समिति से हटाएं’, ऐसी मांग करते हुए सोलापुर, सांगोला एवं अंबेजोगाई में निवेदन दिए । समिति ने चेतावनी दी है कि यदि गुरव पर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो राज्यव्यापी आंदोलन छेडा जाएगा ।
३. इस निर्णय का भाजप के आध्यात्मिक गठबंधन के आचार्य तुषार भोसले ने भी विरोध दर्शाया था ।
सरकार द्वारा गजानन गुरव की हटाने जाने के लिए भगवान श्री विठ्ठल के श्रीचरणों में कृतज्ञता ! – सुनील घनवट, हिन्दू जनजागृति समिति
पंढरपुर के श्री विठ्ठल मंदिर में भजन-कीर्तन बंदी का प्रकरण !
पंढरपुर के श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर में मनमानी कार्यभार करते हुए भजन, कीर्तन एवं नामजप करने पर प्रतिबंध लगानेवाले सरकारनियुक्त कार्यकारी अधिकारी गजानन गुरव को हटाने का निर्णय लिया; अत: हिन्दू जनजागृति समिति उनके इस निर्णय का स्वागत करती है । इसका हिन्दू जनजागृति समिति एवं समस्त वारकरी संप्रदाय ने तीव्र निषेध किया था । श्री विठ्ठल मंदिर में भजन-कीर्तन नहीं करेंगे तो कहां करेंगे ? ऐसा प्रश्न करते हुए गजानन गुरव की मंदिर समिति से हटाने की मांग की थी । इस मांग को मान्य कर शासन ने गुरव को इस पद से हटा दिया । इसलिए पुन: एक बार श्री विठ्ठल मंदिर में भजन-कीर्तन एवं विठ्ठल के जयघोष से वहां का वातावरण निनादित हो गया, इसके लिए हम भगवान विठ्ठल के श्रीचरणों में कृतज्ञता व्यक्त कर रहे हैं, ऐसा हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने कहा है ।
श्री. सुनील घनवट आगे बोले,
१. मंदिरों के सरकारीकरण के अब तक अनेक दुष्परिणाम सामने आए हैं । मंदिरों की देवनिधि में भ्रष्टाचार करना, देवस्थानों की भूमि गिलंकृत करना, देवताओं के आभूषणों में घपला, मंदिरों की प्रथा-परंपराएं बदलना, ऐसी अनेक बातें दिखाई देती हैं ।
२. सुव्यवस्थापन के नाम पर मंदिरों की प्रथा-परंपराएं सरकारी अधिकारी यदि बदलनेवाले होंगे, तो ऐसे अधिकारियों को हम आगे भी सबक सिखाएंगे । अत: सभी पहलुओं से अयोग्य, ऐसा मंदिर सरकारीकरण रहित हो । देवस्थान समिति में ऐसे अधिकारी-कर्मचारी होने चाहिए जो कि भगवान विठ्ठल के भक्त हों । इसके लिए हम यह लढाई और अधिक तीव्र करेंगे ।
३. देशभर में एक भी मस्जिद का सरकारीकरण नहीं, एक भी चर्च का सरकारीकरण नहीं; फिर केवल मंदिरों का सरकारीकरण ही क्यों ? यह धर्मनिरपेक्षता के कौन से तत्त्व में बैठता है ? इसलिए मंदिरों का सरकारीकरण रहित होना चाहिए ।