(‘सी.पी.आर्.’ – ‘कार्डियो पल्मनरी रेससीटेशन’ अर्थात हृदय एवं फेफडों का कार्य आरंभ करना)
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सातारा – यहां के कोरेगांव मार्ग पर वेदभवन मंगल कार्यालय में हिन्दू जनजागृति समिति की आरोग्य सहायता समिति की ओर से एकाएक आनेवाले हृदयविकार के झटके पर प्राथमिक उपचार देने के लिए ‘सी.पी.आर्.’ प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था । इस अवसर पर ‘अखिल भारतीय भूल शास्त्रज्ञ संगठन’के सातारा शाखा की अध्यक्षा डॉ. माधुरी लिमये, सचिव डॉ. वैशाली चव्हाण, भूलतज्ञ डॉ. समीर विजय सोहनी ने यह प्रशिक्षण दिया । इस प्रशिक्षण का ७० जनों ने लाभ लिया ।
कार्यक्रम में उपस्थित मान्यवरों का श्रीमती रूपा महाडिक ने सभी से परिचय करवाया । इस अवसर पर श्रीमती भक्ति डाफळे एवं श्री. हेमंत सोनवणे ने मान्यवरों का पुष्प, श्रीफल एवं ग्रंथ भेट देकर सम्मानित किया । तदुपरांत डॉ. माधुरी लिमये ने कहा, ‘‘जीवन संजीवनी प्रशिक्षण अर्थात हृदय एवं श्वास बंद होने पर किया जानेवाला प्रथमोपचार ! यह प्रथमोपचार होने से इसके लिए किसी भी शैक्षिक पात्रता अथवा उपकरण की आवश्यकता नहीं । केवल किसी के प्राण बचाने का प्रयत्न करने की इच्छा होनी चाहिए ।’’
इस अवसर पर डॉ. वैशाली चव्हाण ने ‘प्रशिक्षण देते हुए ‘रोगी को किसप्रकार संभालना है ?’ एवं ‘क्या सावधानी बरतनी है ?’, इन विषयों में मार्गदर्शन किया । डॉ. समीर विजय सोहनी ने प्रत्यक्ष कृति कैसे करनी है, वह ‘डमी’पर (गुडियों के स्वरूप में निर्जीव मनुष्य पर) करके दिखाई, इसके साथ ही उस समय क्या सावधानी रखनी है ? इस विषय पर भी जानकारी दी । तदुपरांत प्रशिक्षणार्थियों से ‘सी.पी.आर्.’ एवं आपातकालीन उपचार के प्रात्यक्षिक करवाए गए ।