- विरोध करनेवाले पुजारी को पीटा
- लाठी-पत्थर के साथ पहुंची ईसाईयों की भीड
गुजरात में तापी जिले के सोनगढ तालुका के एक गांव में प्राचीन हिंदू मंदिर को ध्वस्त कर उस स्थान पर स्थानीय ईसाइयों ने चर्च बना दिया है। उस चर्च का नाम उन्होंने मरियम माता का मंदिर रखा है। रविवार (2 अक्टूबर, 2022) को कुछ हिंदुओं ने उस स्थान पर पहुंचकर पूजा-अर्चना करने की कोशिश की, तो ईसाइयों ने हंगामा कर उन्हें वहां से जाने को कहा।
यह मामला सोनगढ़ तालुका के नाना बंदरपाड़ा गांव का है। यहाँ गिधमाड़ी आया डूंगर माता का एक मंदिर था, जहाँ स्थानीय हिंदू प्रतिदिन पूजा करने के लिए जाया करते थे। मंदिर पहाड़ी की चोटी पर स्थित था। लेकिन, समय के साथ इस क्षेत्र में तेजी से बढ़ती ईसाई आबादी के कारण इस पहाड़ी पर लोगों की आवाजाही धीरे-धीरे कम होती गई, जिसके बाद ईसाई मिशनरियों ने इस मंदिर को ध्वस्त कर दिया और इस स्थान पर एक चर्च बना दिया, जिसे मरियम माता का मंदिर कहा जाता है।
नवरात्रि पर्व में जब हिंदू पूजा करने के लिए अपने प्राचीन मंदिर पहुँचे, तो उस समय ईसाइयों की भीड़ भी वहाँ पहुँच गई और हंगामा कर दिया। यही नहीं, उन्होंने हिंदुओं को पहाड़ी पर भी जाने से रोका। इस हंगामे के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुँचा।
ईसाई समुदाय के लोग लाठी और पत्थर लेकर गए
ऑपइंडिया से बात करते हुए स्थानीय हिंदू नेता दिनेशभाई गामित ने कहा, “हम पूजा करने आए थे, क्योंकि माँ का त्योहार चल रहा है। लेकिन, यहाँ रहने वाले ईसाइयों ने हमें ऊपर जाने की अनुमति नहीं दी और यह कहकर हंगामा करने लगे कि आपके लिए ऊपर कोई जगह नहीं है।” उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में आए ईसाई अपने साथ लाठियाँ और पत्थर भी लेकर आए थे। दिनेशभाई ने आगे कहा कि झड़प के दौरान पूजा के लिए आए हिंदू पुजारी को थप्पड़ मारा गया। इस बीच माँ के भोग के लिए तैयार की गई थाली को भी नुकसान पहुँचाने का भी प्रयास किया गया। हालाँकि, पुलिस ने मौके पर पहुँचकर स्थिति को नियंत्रित कर लिया।
हिंदू मंदिर के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव हुआ था पारित
तापी जिले के सोनगढ़ तालुका की बंदरपाड़ा ग्राम पंचायत ने साल 2019 में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था। इसमें कहा गया था कि गिधमाड़ी आया डूंगर माता के मंदिर की कई वर्षों से पूजा की जाती रही है। लंबे समय से श्रद्धालुओं द्वारा किए जा रहे आंदोलन को देखते हुए इसके जीर्णोद्धार की आवश्यकता है। इसमें चर्च या किसी अन्य पूजा स्थल का कोई उल्लेख नहीं था।
स्थानीय हिंदुओं ने आरोप लगाया है कि पंचायत ने ‘गिधमाड़ी आया डूंगर माता’ के मंदिर के नाम पर एक प्रस्ताव पारित किया, अनुदान प्राप्त किया और एक ईसाई जगह बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया। देवी के मंदिर को तोड़ा गया। इसके कई अवशेष भी मिले हैं।
आक्रोशित हिंदुओं ने की मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग
हिंदू संगठनों ने उस स्थान पर फिर से माता का मंदिर बनाने की माँग की है। हिंदू नेताओं ने कहा कि वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और आने वाले दिनों में कलेक्टर को आवेदन देंगे।
स्रोत : ऑप इंडिया