पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद शहर में एक हिंदू लड़की का अपहरण कर लिया गया है। लड़की के माता-पिता के अनुसार, उनकी बेटी का अपहरण हैदराबाद के फतेह चौक इलाके से उस समय किया गया था, जब वह घर लौट रही थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस में शिकायत कर दी गई है लेकिन लड़की अभी तक नहीं मिली है।
बता दें कि पिछले 15 दिनों में इस तरह की ये चौथी घटना है। इससे पहले अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की दो लड़कियों और एक महिला का अपहरण करने के बाद जबरन उन्हें इस्लाम कबूल कराया गया था। 24 सितंबर को नसरपुर इलाके से मीना मेघवार नाम की 14 साल की लड़की का अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद मीरपुरखास कस्बे में घर लौटते समय एक अन्य लड़की का अपहरण कर लिया गया था।
A Hindu girl has been reportedly abducted in #Pakistan's #Sindh province.#ChandraMehraj was kidnapped while she was returning home.
Stop atrocities and genocide of #Hindus in Pakistan.#HindusUnderAttackInPakistan#HinduLivesMatters@antonioguterres @UN_Women @hrw @HRC @CNN pic.twitter.com/B289Io4ZWA
— Menila Drabu מנילה דרבו (@DrabuMenila) October 11, 2022
मीरपुरखास कस्बे के ही रवि कुर्मी नाम के एक हिंदू व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी राखी का अपहरण कर लिया गया था और बाद में वह एक मुस्लिम के साथ दिखी। जानकारी मिली कि उसका जबरन धर्म परिवर्तन कर दिया गया है।हालांकि, स्थानीय पुलिस ने दावा किया कि राखी ने अपनी मर्जी से इस्लाम अपनाया है और अहमद से निकाह की है।
जून में भी हिंदू लड़की का किया गया था अपहरण
इस साल जून में एक हिंदू लड़की करीना कुमारी ने न्यायालय के सामने गवाही दी कि, उसका अपहरण कर लिया गया था और उसे जबरन इस्लाम कबूलने के लिए मजबूर किया गया था। इसके बाद उसकी शादी एक मुस्लिम युवक से कर दी गई थी।
इससे पहले 21 मार्च को पूजा कुमारी नाम की एक हिंदू लड़की की सुक्कुर में उसके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बताया गया था कि पूजा कुमारी ने एक पाकिस्तानी युवक की शादी का प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
खारिज किया गया था जबरन धर्मांतरण के खिलाफ विधेयक
अक्टूबर 2021 में पाकिस्तान में एक संसदीय समिति ने जबरन धर्मांतरण के खिलाफ एक विधेयक को खारिज कर दिया था, जिसमें तत्कालीन धार्मिक मामलों के मंत्री नूरुल हक कादरी ने कहा था कि जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने के लिए पर्यावरण अनुकूल नहीं है।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री ने यहां तक दावा किया था कि जबरन धर्मांतरण के खिलाफ एक कानून देश में शांति भंग कर सकता है और अल्पसंख्यकों को और अधिक कमजोर बना सकता है।
स्रोत : हिन्दी न्यूज 24