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मोमिनपुर हिंसा की जांच के लिए कोलकाता उच्च न्यायालय ने बंगाल के DGP से SIT बनाने को कहा, मांगी रिपोर्ट

पीडितों हिन्दुओं को मुआवजा देने के लिए ममता सरकार को निर्देश

पश्चिम बंगाल के मोमिनपुरा में 9 अक्टूबर 2022 को हिंदुओं पर फिर हमला हुआ था। इस दौरान हिंदुओं की दुकानों और घरों पर दंगाइयों ने हमला किया और उनके घरों पर पेट्रोल बम फेंके, उनकी झोपड़ियों में आग लगा दी गई। इस मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य के DGP को जरूरी निर्देश दिया है।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी को मोमिनपुरा हिंसा की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने और इससे संबंधित रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, उच्च न्यायालय ने पुलिस को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि, आगे से इस तरह की हिंसा ना हो।

इस घटना को लेकर उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई थी, जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह निर्देश दिया। याचिका में कहा गया है, “तनाव की स्थिति राज्य के अन्य शहरों और हिस्सों में फैल सकती है। पुलिस और प्रशासन मूकदर्शक बने हुए हैं। स्थिति और खराब होती दिख रही है और प्रशासन के हाथ से निकल गई है।”

जनहित याचिका में राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर आरोप लगाया गया है कि, राजधानी कोलकाता के मोमिनपुर इकबालपुर इलाके में सांप्रदायिक हिंसा भड़कने और दंगों को नियंत्रित करने में विफल रही है।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा कि, इस हिंसा के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अधिनियम का अनुपालन किया गया था या नहीं। इस मामले में न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा अब तक लिए गए एक्शन की रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा। इसके साथ ही हिंसा के पीड़ितों को मुआवजा देने का निर्देश दिया है।

बता दें कि, कट्टरपंथी इस्लामी भीड़ ने इकबालपुर थाने के भीतर भी इस्लामी झंडा लेकर घुसी थी और वहां भी काफी उत्पात मचाया था। हिंसा के मद्देनजर प्रदेश के भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने बंगाल के गवर्नर व गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिख अपील की कि वह मोमिनपुर में सेंट्रोल फोर्स (CAPF) तैनात करें, क्योंकि राज्य सरकार दंगाइयों का मजहब देख उन्हें कुछ भी कहने से बच रही है।

दरअसल, वहां पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के मौके पर इस्लामियों ने हिंदुओं के घर व दुकानों पर इस्लामी झंडे लगा दिए थे, जिन्हें कथित तौर पर हिंदुओं ने खोल दिया। इसी के बाद 700 से अधिक की भीड़ में कट्टरपंथी इकट्ठा हुए और हिंदुओं के घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी। बार-बार पुलिस को बुलाए जाने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई। बाद में पता चला कि उपद्रवियों ने इकबालपुर थाने में भी हल्ला मचा रखा था। वह वहाँ इस्लामी झंडों के साथ घुस गए थे और पुलिस उन्हें देख एकदम चुप थी।

स्रोत: ऑप इंडिया

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