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ऋषि-मुनियों द्वारा किए गए शोधकार्य का अध्ययन करना चाहिए – सुनील घनवट, हिन्दू जनजागृति समिति

हिन्दू जनजागृति समिति के द्विदशकपूर्ति के उपलक्ष्य में अभियान !

रामटेक (नागपुर) में ताई गोळवलकर महाविद्यालय में ‘भारतीय संस्कृति एवं संस्कार’ विषय पर मार्गदर्शन !

श्री. सुनील घनवट का स्वागत करते हुए श्रीमती स्वतंत्रता कामदार, मध्य में श्री. श्रीकांत पिसोळकर

नागपुर – पहला विमान किसने बनाया ? ऐसा प्रश्न किसी के पूछने पर सभी राईट बंधुओं का नाम बताते हैं; परंतु वास्तव में सहस्रों वर्ष पूर्व ऋषि भारद्वाज ने विमान की खोज की थी, यह हमें कहीं नहीं पढाया जाता । अभ्यासक्रम में भी इतिहास का भारी मात्रा में विकृतिकरण हो रहा है । इतिहास की पुस्तक में योद्धा एवं राष्ट्रपुरुष के शौर्य का इतिहास ४ पंक्तियों में, जबकि आक्रमक मुगलों का इतिहास ६० से भी अधिक पृष्ठों का पढाया जाता है । गोवा राज्य में भी छत्रपति शिवाजी महाराज का इतिहास केवल चार पंक्तियों में पढाया जा रहा था । इसके विरोध में हिन्दू जनजागृति समिति के आंदोलन करने पर अब छत्रपति शिवाजी महाराजजी का अब ५ पृष्ठों का इतिहास दिया गया है । ऋषि-मुनियों द्वारा किए गए सर्व शोध का हमें अध्ययन करना चाहिए, ऐसा मार्गदर्शन हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने किया । वे रामटेक (नागपुर) के ताई गोळवलकर महाविद्यालय में ‘भारतीय संस्कृति एवं संस्कार’ इस विषय पर मार्गदर्शन करते हुए वे बोल रहे थे । इस व्याख्यान को विद्यार्थी एवं शिक्षकों का उत्तम प्रतिसाद मिला । इसमें २२५ विद्यार्थी उपस्थित थे ।

क्षणिकाएं

१. ताई गोळवलकर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेश सिंग्रू ने यह व्याख्यान लेने की अनुमति देकर नियोजन किया था ।

२. महाविद्यालय में शिक्षकों के लिए पाक्षिक वर्ग आरंभ करने का नियोजन किया है ।

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