‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ नारे के साथ हुआ अंतिम संस्कार
जम्मू कश्मीर के शोपियां में शनिवार (15 अक्टूबर, 2022) को एक कश्मीरी हिन्दू पूरन कृष्ण भट की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पूरन का अंतिम संस्कार रविवार (16 अक्टूबर, 2022) को किया गया। इस दौरान, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए गए हैं। वहीं, मृतक पूरन कृष्ण भट की बहन ने कई खुलासे किए हैं।
Young Children of Puran Krishen Bhat.. unimaginable grief, unimaginable fortitude shown by little girl yet can’t help quiet tears. This is not just heartbreaking, this churns your very existence. Another life lost to Jihad 🙁 pic.twitter.com/Dc1cUBD4Tk
— Sunanda Vashisht (@sunandavashisht) October 16, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कश्मीरी हिन्दू पूरन कृष्ण भट का अंतिम संस्कार जम्मू के मुट्ठी स्थित बान तालाब श्मशान घाट में किया गया है। अंतिम संस्कार में करीब एक हजार लोग शामिल हुए। इस दौरान, शोक में डूबे हुए लोगों ने पूरन को पाकिस्तान मुर्दाबाद, हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारों के साथ अंतिम विदाई दी है। साथ ही, लोगों ने ‘जिस कश्मीर को खून से सींचा, वो कश्मीर हमारा है’ के नारे भी लगाए हैं।
आतंकवादियों द्वारा पूरन कृष्ण भट की हत्या के बाद उनकी बहन नीलम भट ने कई खुलासे किए हैं। नीलम ने कहा है कि आतंकी कश्मीरी हिंदुओं को मारने के लिए तलाश रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि पूरन को अपने ऊपर आने वाले खतरे का पहले ही अंदेशा था।
नीलम भट ने कहा है कि शुक्रवार शाम को फोन पर उनकी बात पूरन से हुई थी। बातचीत में पूरन ने कहा था असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पूरन की इस बात को सुनकर उनका परिवार डर गया था और उन्हें कश्मीर छोड़कर जम्मू आने के लिए कहा था। लेकिन, पूरन ने कहा था कि वह सेब बेच कर बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे इकट्ठा कर रहे हैं।
मृतक पूरन की बहन नीलम ने यह भी कहा है कि कश्मीरी घाटी में हिंदू सुरक्षित नहीं है। वहाँ पड़ोसी भी कहते थे कि वे उनको बचा नहीं पाएँगे। उन्होंने कहा, “सभी कश्मीरी हिंदुओं को यह कहना चाहती हूँ कि घाटी छोड़ दें आतंकी हिंदुओं की तलाश कर रहे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा है कि कुछ हफ्ते पहले दहशतगर्दों ने एक स्कूल में आतंक मचाया था। आतंकी वहाँ 3 हिंदू शिक्षकों को ढूँढ रहे थे। लेकिन शिक्षकों की किस्मत अच्छी थी और वह स्कूल में नहीं थे।
बता दें, कश्मीरी हिंदू पूरन कृष्ण को तब गोली मार दी गई, जब वे चौधरी गुंड स्थित अपने घर के लॉन में बैठे हुए थे। घायल अवस्था में उन्हें नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी हत्या की जिम्मेदारी आतंकी संगठन कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स (KFF) ने ली है। मध्य कश्मीर के पुलिस उपमहानिरीक्षक (IGP) सुजीत कुमार ने कहा कि प्रारंभिक जाँच से पता चलता है कि हत्या में केवल एक आतंकवादी शामिल था। उन्होंने कहा, “एक बार जब चीजें स्पष्ट हो जाएँगी तो पूरी जानकारी दी जाएगी।”
सुजीत कुमार ने कहा कि अगर सुरक्षा गार्डों या क्षेत्र के प्रभारी अधिकारी की ओर से सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक पाई जाती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि एक आतंकवादी संगठन ने छद्म नाम ‘कश्मीर फ्रीडम फाइटर (KFF)’ से हमले की जिम्मेदारी ली है।
घटना के बाद कश्मीर के बडगाम सहित कई इलाकों के हिंदू सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इस घटना से पीएम पैकेज के तहत कश्मीर में काम करने वाले हिंदुओं में खासा रोष है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और हिंदुओं को सुरक्षित जगह शिफ्ट करने की माँग की है।
इससे पहले मई 2022 में बडगाम के चदूरा स्थित तहसील कार्यालय में राहुल भट की टारेगट किलिंग के बाद कर्मचारियों ने कश्मीर छोड़ने की धमकी दी थी। ये कर्मचारी पीएम पैकेज के तहत काम कर रहे हैं। पीएम पैकेज के कर्मचारी वे कश्मीरी हिंदू हैं, जो 90 के दशक में घाटी छोड़कर चले गए, लेकिन सरकारी नौकरी मिलने के बाद वापस कश्मीर लौट आए। पैकेज के तहत कश्मीर में कम-से-कम 6000 प्रवासी कश्मीरी पंडित काम कर रहे हैं।
स्रोत: ऑप इंडिया