‘हलाल सर्टिफिकेट’ द्वारा इस्लामी अर्थव्यवस्था अर्थात ‘हलाल इकॉनॉमी’ को धर्म का आधार होते हुए भी बहुत ही चतुराई के साथ निधर्मी भारत में लागू किया गया है। धर्मनिरपेक्ष भारत में ऐसी ‘धर्माधारित समांतर अर्थव्यवस्था’ निर्माण किया जाना, यह देश की सुरक्षा की दृष्टि से अत्यधिक गंभीर है । अत: शासन ‘हलाल प्रमाणिकरण’ पद्धति तत्काल बंद करें, इस मांग के साथ हिन्दू ‘हलाल मुक्त दीपावली’ इस अभियान में सहभागी होकर ‘हलाल प्रमाणित’ उत्पादनों का बहिष्कार करें, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति ने किया है ।
सेक्युलर भारत में धर्माधारित ‘हलाल अर्थव्यवस्था’ की क्या आवश्यकता ?#Halal_Free_Diwali अभियान में सहभागी हो !- हिन्दू जनजागृति समिति
प्रशासन Halal Certification पद्धति तुरंत बंद करें, इस मांग के साथ हिन्दू 'हलाल प्रमाणित' उत्पादनों का बहिष्कार करें!@AmarUjalaNews @JagranNews pic.twitter.com/sNCw8q5TcI
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सर्वाधिक आश्चर्यजनक यह है कि आज भी सेक्युलर भारत में ‘भारतीय रेल्वे’, ‘पर्यटन महामंडल’ जैसे सरकारी प्रतिष्ठानों में भी ‘हलाल प्रमाणित’ पदार्थ ही दिए जाते है । शुद्ध शाकाहारी नमकीन से लेकर सूखा मेवा, मिठाई, चॉकलेट, अनाज, तेल, सहित साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट, काजल, लिपस्टिक इत्यादि सौंदर्यप्रसाधन भी ‘हलाल प्रमाणित’ होने लगे हैं । इंग्लैंड के विद्वान निकोलस तालेब ने इसे ‘मायनॉरिटी डिक्टेटरशीप’ कहा है । यह ऐसे ही चालू रहा, तो भारत का ‘इस्लामीकरण’ की ओर मार्गक्रमण हो रहा है, यह कहना झूठ नहीं होगा ।
भारत सरकार की ‘खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण’ (FSSAI) होते हुए ‘हलाल प्रमाणपत्र’ देनेवाली इस्लामी संस्थाओं की भारत में क्या आवश्यकता है ? इस हलाल प्रमाणपत्र के लिए पहले 21,500 रुपए और प्रतिवर्ष नूतनीकरण के लिए 15,000 रुपए लिए जाते हैं । इससे निर्माण होनेवाली हलाल की समांतर अर्थव्यवस्था नष्ट करना अति आवश्यक है, इसीलिए इस वर्ष हिन्दू दीपावली की वस्तु खरीदते समय ग्राहकों का अधिकार उपयोग कर ‘हलाल प्रमाणित’ उत्पादन, मैकडोनाल्ड और डॉमिनोज के खाद्यपदार्थों का बहिष्कार करें और ‘हलालमुक्त दीपावली’ इस अभियान में सहभागी हो, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति ने किया है । समिति आंदोलन, निवेदन देना, सोशल मीडिया इत्यादि माध्यमों से जनजागृति कर रही है ।
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इस वर्ष ‘हलाल मुक्त दीपावली’ मनाएं – श्री. रमेश शिंदे
‘सीएट टायर्स’ के विज्ञापन में ‘रास्ते फटाके फोडने के लिए नहीं है’, ऐसा परामर्श आमीर खान हिन्दुओं को देता है; परंतु ‘रास्ते नमाज पढने के लिए नहीं होते’ इस विषय में वो कुछ नहीं बोलता । ‘फैब इंडिया’ के विज्ञापन में दीपावली को ‘जश्न-ए-रिवाज’ कहा गया है । हिंदुओं की परंपराओं का ‘इस्लामीकरण’ करना, तदुपरांत वहां ‘हलाल’ की व्यवस्था निर्माण करना और ‘हलाल अर्थव्यवस्था’ के आधार पर इस्लामी बैंक को प्रोत्साहन देकर बलवान करना आरंभ है । इस विषय की ओर हिन्दुओं को सजगता से देखना चाहिए । भारत में ‘ऑनलाइन’ द्वारा करोडों रूपए का व्यापार होता है । इसमें भी दीपावली जैसे त्योहार में हिन्दू ग्राहक बडी मात्रा में खरीदारी करते हैं । इसीलिए हमने ‘हलाल मुक्त दीपावली’ अभियान आयोजित किया है, जिसमें पूर्ण हिन्दू समाज सहभागी हो । इस दीपावली को ‘हलाल’ प्रमाणित उत्पादन और हिन्दू परम्पराओं का इस्लामीकरण करनेवाले प्रतिष्ठानों के उत्पादन न लेकर हिन्दू इस वर्ष ‘हलाल मुक्त दीपावली’ मनाएं, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित ‘इस वर्ष मनाएं : हलाल मुक्त दीपावली !’ इस ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में वे बोल रहे थे ।
श्री. रमेश शिंदे ने आगे कहा कि हिन्दू समाज में ‘हलाल’ के विषय में अभी भी अज्ञान है । भारत में FSSAI और FDI जैसी प्रमाणपत्र देनेवाली भारत सरकार की संस्थाएं होते हुए भी इस्लामी संस्थाओं द्वारा ‘हलाल’ प्रमाणपत्र लेने की अनिवार्यता क्यों ? ‘हलाल’ अब केवल मांसाहारी पदार्थ तक मर्यादित न होकर जीवनावश्यक वस्तु, खाद्यपदार्थ, मिठाई, शीतपेय, चिकित्सालय, निवासी संकुल तक पहुंच गया है । ‘हलाल’ का सभी धन इस्लामिक बैंक में जमा होता है । ‘हलाल व्यवस्था’ अल्पसंख्यकों की तानाशाही है । जहां तानाशाही है, वहां आतंकवाद है, यह ध्यान में रखना चाहिए ।
इस वर्ष ‘हलाल मुक्त दीपावली’ मनाएं ! – @Ramesh_hjs
दीपावली जैसे त्योहार में हिन्दू ग्राहक बडी मात्रा में खरीदारी करते हैं । इस दीपावली को ‘हलाल’ प्रमाणित उत्पादन न लेकर हिन्दू इस वर्ष #Halal_Free_Diwali मनाएं !@aajtak @ZeeNews @JagranNews @DainikBhaskar @AmarUjalaNews pic.twitter.com/Jf8pPaMyZP
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The Halal Economy is a ploy to destroy India's economic, socio-cultural and religious backbone. So pledge to celebrate a sattvik Diwali ! Pledge for a #HalalFreeDiwali pic.twitter.com/38JGcjw8mw
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विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. विनोद बंसल ने कहा कि ‘जमात-ए-इस्लामी’ सहित लगभग 8 से 10 कट्टरतावादी इस्लामी संगठनों को ‘हलाल’ प्रमाणपत्र देने का अधिकार दिया गया है । ‘हलाल’ के पैसों का उपयोग आतंकवादी कार्यवाहियों के लिए किया जाता है । यह केवल भारत की नहीं, अपितु विश्व की सभी घटनाओं से सामने आया है । ‘हलाल सर्टिफिकेट’ देनेवाले सभी प्रतिष्ठानों का हिन्दू बंधुओं को बहिष्कार करना चाहिए और ऐसे प्रतिष्ठान एवं संस्थाओं का खरा स्वरूप सामने लाना चाहिए । हिन्दुओं को स्वयं से पहल करना चाहिए ।
सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता गौरव गोयल ने कहा कि ‘हलाल’ द्वारा एकत्रित पैसा किस हेतु उपयोग किया जाता है, इस विषय में संभ्रम है । संभवत: अनुचित कृत्यों के लिए इसका उपयोग किया जाता है, ऐसा लेख प्रसारमाध्यमों पर पढने में आया है । ‘हलाल’ की समांतर अर्थव्यवस्था के कारण भारत की अर्थव्यवस्था पर परिणाम होगा । इसलिए हिंदुओं को केवल दीपावली में ही नहीं, अपितु पूरे वर्ष ‘हलाल’ से स्वयं को बचाना आवश्यक है । हम अधिवक्ता ‘हलाल’ के विरोध में न्यायालयीन मार्ग से संघर्ष करेंगे, ऐसा भी अधिवक्ता गोयल ने कहा ।
30 अक्टूबर
‘हलाल’ प्रमाणपत्र के माध्यम से खडी हुई समानांतर अर्थव्यवस्था का संगठित होकर विरोध कीजिए – मनोज खाडये
मिरज : हिन्दू जनजागृति समिति के पश्चिम महाराष्ट्र, कोंकण एवं गुजरात राज्य समन्वयक श्री. मनोज खाडये ने यह आवाहन करते हुए कहा कि मुसलमान प्रत्येक उत्पादक और प्रतिष्ठान से जानबूझकर मांग कर उन्हें हलाल प्रमाणपत्र लेने के लिए बाध्य कर रहे हैं । यह हलाल प्रमाणपत्र अन्न एवं औषधीय प्रशासन से नहीं, अपितु ‘जमियत उलेमा-ए-हिन्द’ संगठन से लेना पडता है । यह हिन्दुओं का व्यापार और व्यवस्था में हस्तक्षेप कर समानांतर अर्थव्यवस्था खडी करने का वैश्विक षड्यंत्र है । इसलिए हलाल प्रमाणपत्र के माध्यम से खडी हुई समानांतर अर्थव्यवस्था का संगठित होकर विरोध करेंगे । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यहां आयोजित ‘हलाल प्रमाणपत्र की सच्चाई’ विषय पर वे ऐसा बोल रहे थे । इस अवसर पर साप्ताहिक ‘दर्पणकार’ के संपादक श्री. सूर्यकांत कुकडे, दैनिक ‘प्रतिध्वनि’ के संपादकीय विभाग के श्री. सुभाष कपूर, दैनिक ‘हैलो प्रभात’ के प्रतिनिधि श्री. तांबोळकर, दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के पाठक श्री. विठ्ठल मुगळखोड, सर्वश्री संदीप माळी, दिगंबर कोरे, ओंकार गवळी, सचिन भोसले एवं जयदीप सदामते उपस्थित थे ।
श्री. मनोज खाडये ने यही विषय व्यापारियों और उद्यमियों की बैठक में भी बताया । इस बैठक में शिवसेना व्यापारी सेना के श्री. पंडिततात्या कराडा, उद्यमी श्री. मंदार ताम्हणकर एवं श्री. वसंतकुमार शेट्टी; सनदी लेखापाल श्री. लेले, बजरंग दल के तहसील संगठक श्री. आकाश जाधव और ‘डिजिटल प्रिंटींग’ के उद्यमी श्री. रवी शिंदे उपस्थित थे ।
क्षणिकाएं
१. उद्यमी श्री. दिगंबर कोरे और श्री. रवी शिंदे ने सहकारिता व्यावसायी एवं व्यापारी मित्रमंडल के लिए भी ऐसी बैठक का आयोजन करने की बात कही ।
२. दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के पाठक श्री. विठ्ठल मुगळखोड ने इस विषय में सरकार से पत्राचार कर कार्यवाही करने के लिए बाध्य बनाने की बात कही ।
पणजी की पत्रकार परिषद में पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्न और हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे द्वारा दिए गए उनके उत्तर !
हिन्दू इस वर्ष हलालमुक्त दीपावली मनाएं, इस विषय पर पत्रकार परिषद !
Halal Certification is modern day Jiziya tax !
We will not be forced to pay it anymore ! #Halal_Free_Diwali pic.twitter.com/m8t67zRxCi— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) October 27, 2021
हिन्दू जनजागृति समिति ने २७ अक्टूबर को हिन्दू इस वर्ष दीपावली के समय में ‘हलालमुक्त दीपावली’ अभियान में सम्मिलित होकर हलाल प्रमाणित उत्पादों का बहिष्कार करें, यह आवाहन करने हेतु पणजी में पत्रकार परिषद ली । हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने इस पत्रकार परिषद में पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर यहां दे रहे हैं ।
पत्रकार : क्या हलाल प्रमाणपत्र को कानूनी संरक्षण है ?
श्री. रमेश शिंदे : हलाल सर्टिफिकेशन को किसी प्रकार का कानूनी संरक्षण प्राप्त नहीं है । हलाल इंडिया, ‘जमियत उलेमा-ए-हिन्दी’ जैसी इस्लामी गैरसरकारी संस्थाएं (एन्.जी.ओ.) हलाल प्रमाणपत्र देती हैं । धर्मनिरपेक्ष भारत में सरकार की अन्न सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) और अन्न एवं औषधिय प्रशासन (एफ्.डी.ए.) ये संस्थाएं प्रमाणपत्र देती हैं ।
पत्रकार : सरकार हलाल प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया पर कार्यवाही क्यों नहीं करती ?
श्री. रमेश शिंदे : सरकार से यह अपेक्षा है कि वह इस पर कार्यवाही करे ।
पत्रकार : हलाल प्रमाणपत्र का विषय सर्वसामान्य नागरिकोंतक पहुंचाने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति क्या प्रयास करनेवाली है ?
श्री. रमेश शिंदे : प्रसारमाध्यमों, जालस्थलों, आंदोलनों और विचारगोष्ठीयों का आयोजन करने के माध्यम से यह विषय सर्वसामान्य लोगोंतक पहुंचाया जा रहा है ।
पत्रकार : त्योहारों-उत्सवों आदि के समय में प्रदूषण का कारण बताकर केवल हिन्दुओं को ही क्यों लक्ष्य बनाया जाता है ?
श्री. रमेश शिंदे : गणेशोत्सव की अवधि में खडिया मिट्टी से बनाई जानेवाली श्री गणेशमूर्तियों का विसर्जन करने से जलप्रदूषण नहीं होता । विसर्जनपूर्व एवं विसर्जन के उपरांत आईआईटी, मुंबई ने पानी के नमुने का परीक्षण किया है और उससे जलप्रदूषण नहीं होता, यह प्रमाणित हुआ है । इस विषय में हिन्दुओं के विरुद्ध योजनाबद्ध पद्धति से दुष्प्रचार किया जाता है । वास्तव में विज्ञान के माध्यम से प्रदूषण नहीं होता, यह प्रमाणित करना अपेक्षित था ।