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मराठवाडा विश्वविद्यालय की घटना
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कुलगुरू से कार्यवाही की मांग
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में डॉ। बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाडा विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने एक नाटक रुकवा दिया, जिसमें राम-सीता और लक्ष्मण की भूमिका निभाई जा रही थी। ABVP कार्यकर्ताओं का कहना था कि इस नाटक में हिंदू देवी-देवताओं को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा था।
औरंगाबादेत नाटकाच्या नावाने हिंदू देव देवतांची विटंबना करण्याचा प्रयत्न जर कोणी अभिव्यक्तीचे स्वातंत्र्य या नावाखाली खपवण्याचा प्रयत्न करेल तर ते आम्ही खपवून घेणार नाही. कठोर कारवाई झाली पाहिजे. pic.twitter.com/DW8QyJwY5G
— Atul Bhatkhalkar (@BhatkhalkarA) October 18, 2022
इस वीडियो में मां सीता और लक्ष्मण मंच पर बातचीत करते नजर आ रहे हैं । इस दृश्य में दिखाई देता है कि लक्ष्मण रेखा खींचते हैं और सीताहरण के मामले में प्रभू श्रीराम की खोज में निकल जाते हैं। उसके बाद सीता के किरदार में लडकी लावणी पर नांच करती नजर आती है। इसे देख उपस्थित हिन्दुओं में आक्रोश उत्नन्न हुआ । जिसके बाद विरोध प्रदर्शन कर नाटक को बंद करवा दिया गया ।
इसको लेकर विश्वविद्यालय की मेन बिल्डिंग में बजरंग दल के मराठवाड़ा युवा अध्यक्ष सुभाष मकोरिया ने वाइस चांसलर से मुलाकात की। बजरंग दल का कहना है कि हमेशा हिंदू देवी-देवताओं का नाम लेकर उन्हें अपमानित किया जाता है। अब यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगा। संगठन ने मांग की है कि इस तरह के नाटक करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
वहीं इस महोत्सव के जिम्मेदारों ने बताया कि, जो नाटक ऑडिटोरियम में पेश किया गया था, उसमें किसी भी तरह की आपत्ति नहीं होनी चाहिए क्योंकि नाटक शुरू होने से पहले नाटक की स्क्रिप्ट को जांचा किया गया था।
इस मामले में यूनिवर्सिटी के नाटक विभाग के ही एक प्रोफेसर ने बताया कि जिस तरह का आज माहौल है और लोग एक-दूसरे के धर्म को लेकर टिप्पणी करते हैं, उसे ही दर्शाना चाह रहे थे, लेकिन नाटक शुरू होते ही इसका विरोध कर दिया गया और उसे बंद करा दिया गया।
स्रोत : आज तक