उज्जैन (मध्यप्रदेश) में हिन्दू जनजागृति समिति की वर्षगांठ उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न !
उज्जैन (मध्यप्रदेश) – हिन्दुओं को गर्भ से ही सहिष्णुता का संस्कार मिलता है और यही सहिष्णुता आज हमारे गले में फांसी का फंदा बन गई है । वास्तव में देखा जाए तो जिन्हें भी पंचमहाभूतों का शरीर मिला है, वे सनातन धर्म के हैं; परंतु काल के प्रभाव के कारण वे उससे दूर चले गए हैं । आज वही सनातन धर्म का विरोध निधर्मी बनकर कर रहे हैं । ऐसे समय पर हमें अपने स्वार्थ का त्याग कर अपने मन में हिन्दुत्व का स्फुलिंग प्रज्वलित करना चाहिए । स्वार्थ एवं अहंकार छोडकर हिन्दूसंगठनों की वज्रमूठ (वज्रमुष्ठिका) बनानी होगी, ऐसा मार्गदर्शन श्री रामानुजकोट मंदिर के युवराज स्वामी श्री माधवप्रपन्नाचार्यजी महाराजजी ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति के द्विदशकपूर्ति के उपलक्ष्य में यहां के कालिदास संस्कृत अकादमी के अभिरंग सभागृह में आयोजित वर्षगांठ समारोह में वे मार्गदर्शन कर रहे थे ।
प्रारंभ में ‘सप्तर्षि गुरुकुल’के संस्थापक आचार्य श्री. देवकरण शर्मा ने अपने आशीर्वचन व्यक्त किए । युवराज स्वामी श्री माधवप्रपन्नाचार्यजी महाराज के शुभहस्तों हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा प्रकाशित ‘हलाल जिहाद’ इस हिन्दी भाषा के ग्रंथ का लोकार्पण किया गया । तदुपरांत समिति के मध्यप्रदेश एवं राजस्थान समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया ने समिति के कार्य का परिचय दिया । ‘हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता’ इस विषय पर समिति के धर्मप्रचारक श्री. श्रीराम काणे ने उपस्थितों को संबोधित किया । कार्यक्रम का सूत्रसंचालन स्मिता कुलकर्णी एवं श्री. शिवम् सोनी ने किया ।
हिन्दू जनजागृति समिति की युवावस्था के साक्षीदार होने का आनंद है ! – युवराज स्वामी श्री माधवप्रपन्नाचार्यजी महाराज, उज्जैन
हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का दायित्व केवल समिति के न होने से हम सभी का है । यही कार्य परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की प्रेरणा से हिन्दू जनजागृति समिति कर रही है । २१ वें वर्ष अर्थात तरुण अवस्था में समिति के पदार्पण के हम साक्षीदार हैं, इसका बहुत आनंद है ।
हिन्दू जनजागृति समिति के कारण हिन्दू राष्ट्र निश्चितरूप से आएगा’, ऐसा आत्मविश्वास निर्माण हो गया है ! – श्री. अरविंद जैन, हिन्दू शौर्य जागरण
हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के लिए उपस्थित रहने से पूर्व ‘हम हिन्दुत्व का कितना कार्य करते हैं’, ऐसे लगता था; परंतु इस अधिवेशन के लिए पूर्वोत्तर भारत से आए हिन्दुत्वनिष्ठ कितनी प्रतिकूल परिस्थिति में कार्य कर रहे हैं, यह देखकर हमें कितना और करना चाहिए, यह ध्यान में आया । इसके साथ ही प्रारंभ में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना केवल एक कल्पना लग रही थी; परंतु आज परात्पर गुरु डॉ. आठवले के मुख से निकला संकल्प सिद्ध होते हुए दिखाई दे रहा है । इसीलिए ‘हिन्दू राष्ट्र निश्चितरूप से साकार होगा’, ऐसा आत्मविश्वास निर्माण हुआ है ।
युवराज स्वामी श्री माधवप्रपन्नाचार्यजी महाराजजी का परिचय
उज्जैन के श्री रामानुजकोट मंदिर के युवराज स्वामी श्री माधवप्रपन्नाचार्यजी महाराजजी को वेद एवं शास्त्र का पारंपरिक अध्ययन के लिए कर समाजहित के लिए उपयोग में लाए हैं । इस संदर्भ में सोरबोन (फ्रान्स) के ‘इकोल सुपेरियर रॉबर्ट डी यूनिवर्सिटी’द्वारा उन्हें ‘डॉक्टरेट’की पदवी प्रदान की गई है, इसके साथ ही ‘आइआइपीपीटी फाऊंडेशन’द्वारा भी उन्हें ‘भारत सम्मान’ देकर सम्मानित किया गया है ।