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कोल्हापुर के हिन्दू संगठन सम्मेलन में संगठितरूप से धर्मकार्य करने का उपस्थित हिन्दुओं का निर्धार !

कोल्हापुर – हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ११ अक्टूबर को कोल्हापुर के इंद्रप्रस्थ सांस्कृतिक भवन, राजारामपुरी में हिन्दूसंगठन संपन्न हुआ । इसमें उपस्थित हिन्दुओं ने संगठितरूप से धर्मकार्य करने का निर्धार व्यक्त किया । इस सम्मेलन में हिन्दू जनजागृति समिति के पश्‍चिम महाराष्ट्र, गुजरात राज्य एवं कोकण विभाग समन्वयक श्री. मनोज खाडये ने उपस्थितों को संबोधित किया ।

सम्मेलन में मार्गदर्शन करते हुए श्री. मनोज खाडये एवं साथ में श्री. किरण दुसे

इस समारोह के समय मूसलाधार वर्षा होने पर भी २५० धर्मप्रेमी उपस्थित थे । कोल्हापुर जिले में समिति के कार्य का ब्योरा जिला समन्वयक श्री. किरण दुसे ने एवं श्री. आदित्य शास्त्री ने समिति के कार्य की यशोगाथा उपस्थितों के समक्ष प्रस्तुत की । इस अवसर पर धर्मप्रेमियों ने धर्म पर आघात रोकने के लिए किए समष्टि प्रयत्न एवं अनुभवकथन किया ।

सम्मेलन में श्री. मनोज खाडये के हस्तों सक्रिय धर्माभिमानी श्री. नितीन काकडे, श्री. रामभाऊ मेथे, शिवसेना के करवीर तालुकाप्रमुख श्री. राजू यादव के धर्मकार्य में सहभाग के लिए सम्मानित किया गया ।

सम्मेलन में जोशपूर्ण घोषणा देते हुए हिन्दुत्वनिष्ठ

धर्म पर आघात रोकने के लिए धर्मप्रेमियों द्वारा समष्टि प्रयत्न एवं अनुभवकथन

१. श्री. नितीन काकडे, हिन्दुत्वनिष्ठ, हुपरी – हुपरी में धर्मांधों द्वारा किए अवैध निर्माणकार्य के विरोध में संघर्ष कर रहे हैं । इस संदर्भ में कार्य करते हुए अनेक अडचनें आईं, धर्मांधों ने हम पर अभियोग प्रविष्ट किए; परंतु हम डगमगाए नहीं । हिंन्दू जनजागृति समिति के मार्गदर्शनानुसार कार्य करने से स्पष्ट दिशा मिली और अब आसपास के ५ गांवों में भी कार्य शुरू है ।

२. श्री. शिवाजी शिगांरे, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान, तळंदगे – गांव में धर्मशिक्षा वर्ग आरंभ होने से उसे अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है । श्री गणेशोत्सव के समय शास्त्रानुसार मूर्तिदान न करते हुए श्री गणेशमूर्ति का विसर्जन हो, इस हेतु सरपंच को निवेदन दिया और इस संदर्भ में गांव में प्रबोधन किया । इसलिए गांव के श्रद्धालुओं ने मूर्तियों का विसर्जन किया ।

३. श्री. रामभाऊ मेथे, केर्ले – पन्हाळा तालुका में पोर्ले में हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा के प्रचार के लिए जाने पर पता चला कि उस गांव के धर्मप्रेमियों द्वारा ‘गांव में नवसंवत्सरारंभ (गुढीपाडवा) नहीं मनाया जाता । अन्य एक समिति के कार्यकर्ता के सहयोग से उस गांव के ग्रामस्थों को नववर्ष (गुढीपाडवा) मनाने के पीछे जो धर्मशास्त्र है, वह समझाया । हमारे प्रबोधन करने से पहले गांव में उस विषय में जो गलतधारणा थी, वह दूर हुई । तदुपरांत यह विषय ग्रामपंचायत में बताया । इसका सकारात्मक परिणाम यह हुआ कि ८० प्रतिशत लोगों ने शास्त्रानुसार गुढीपाडवा मनाया ।

४. श्री. रवींद्र खोचीकर, भुयेवाडी – एक गांव में ‘पति का निधन होने पर पत्नी मंगलसूत्र पहनें’, ऐसा प्रस्ताव संमत किया जानेवाला था । हमने ग्रामसभा बुलाकर नागरिकों को धर्मशास्त्र बताते हुए इसका विरोध किया । इसकारण यह प्रस्ताव रहित हुआ ।
‘समिति के माध्यम से व्यष्टि स्तर पर क्या परिवर्तन हुए ?’, इस विषय में श्रीमती अनिता लोहार, श्री. दयानंद पाटील एवं श्री. पवन कवठे ने मनोगत व्यक्त किया ।

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