पुणे – भारत में आजकल हलाल उत्पादों की मांग की जाने से हिन्दू व्यापारियों को भी व्यवसाय करने के लिए हलाल प्रमाणपत्र लेना पडता है । पहले ‘हलाल’ संकल्पना केवल मांसाहारी पदार्थों तक एवं मुसलमान देशों को उत्पाद – निर्यात तक ही मर्यादित थी; परंतु अब इसका विस्तार गृहनिर्माण संकुल से लेकर आयुर्वेदिक औषधियों तक हो गया है । भारत में सरकार के एफ्.एस्.एस्.ए.आइ. (FSSAI) एवं एफ्.डी.ए. (FDA), इन दो अधिकृत संस्थाओं के उत्पादों का प्रमाणीकरण होते हुए अलग से हलाल प्रमाणीकरण की आवश्यकता ही क्या है ? ऐसा प्रश्न उपस्थित करते हुए इस बार दिवाली हलालमुक्त करने के साथ ही देश ‘हलाल उत्पादनमुक्त’ हो, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने पत्रकार परिषद के माध्यम से की । १५ अक्टूबर को गांजवे चौक स्थित पत्रकार भवन में पत्रकार परिषद का आयोजन किया था । इसमें ‘कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स पुणे डिवीजन’के पुणे शहर अध्यक्ष गिरीश खत्री भी उपस्थित थे । श्री. सुनील घनवट आगे बोले, ‘हलालमुक्त दिवाली’ अभियान के अंतर्गत हलाल उत्पादों की सख्ती के विरोध में पुणे में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से विविध स्थानों पर आंदोलन किया जानेवाला है ।
व्यापारियों को कितने लोगों का प्रमाणपत्र लेना होगा ? – गिरीश खत्री
हलाल प्रमाणपत्र की सख्ती करने से व्यापारियों को अब और कितने प्रमाणपत्र लेने होंगे ? व्यापारियों को होनेवाले इस कष्ट के लिए उत्तरदायी कौन ? प्रमाणपत्र की सख्ती करने से व्यावसायिकों को उसका अतिरिक्त भार सहना पड रहा है । इसके साथ ही हलाल प्रमाणपत्र सख्ती द्वारा जमा हुआ यह पैसा वैधानिक काम अथवा जनहितकारी कार्य के लिए उपयोग में न लाया जा रहा हो, तो यह प्रमाणपत्र लेना ही क्यों है ?, ऐसा प्रश्न ‘कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स पुणे डिवीजन’के पुणे शहर अध्यक्ष गिरीश खत्री ने उपस्थित किया । व्यापारियों का संगठन हलाल प्रमाणपत्र सख्ती के विरोध में होने से श्री. गिरीश खत्री ने नागरिकों से भी हलाल प्रमाणित उत्पादों का उपयोग न करने का आवाहन किया है ।