हिन्दू जनजागृति समिति का ‘हलालमुक्त दिवाली’ अभियान !
मुंबई – मैकडोनाल्ड्स, के.एफ्.सी., बर्गरकिंग, पिज्जा हट जैसी प्रसिद्ध आस्थापनों की दुकानों में (आऊटलेट में) जो ‘हलाल’ नहीं ऐसे पदार्थ उपलब्ध न होने से हिन्दू, जैन, सिक्ख जैसे गैरमुसलमान समाज भी ‘हलाल’ खाद्यपदार्थ खरीदने के लिए बाध्य हो जाता है । भारत के १५ प्रतिशत मुसलमान समाज के लिए ८० प्रतिशत हिन्दू समाज पर हलाल उत्पादों की सख्ती की जाती है । एक ओर भारत को ‘धर्मनिरपेक्ष’ कहना और दूसरी ओर धर्म के आधार पर हिन्दुओं पर अपनी धाक जमाने का प्रकार शुरू है । इसके विरोध में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘हलालमुक्त दिवाली’ यह अभियान भारी मात्रा में कार्यान्वित हो रहा है । इसके अंतर्गत समिति की ओर से महाराष्ट्र एवं गोवा राज्यों में ‘मैकडोनाल्ड आऊटलेट’, ‘के.एफ्.सी.’, ‘बर्गरकिंग’, ‘पिज्जा हट’ जैसे आऊटलेट के बाहर आंदोलन किया गया । इसमें प्रमुखरूप से महाराष्ट्र के कोल्हापुर, जलगांव, नागपुर, अमरावती, पुणे, के साथ ही गोवा के मडगांव एवं पणजी का भी समावेश था । कोल्हापुर में ‘मैकडोनाल्ड आऊटलेट’के बाहर आंदोलन किया गया । इस अवसर पर हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के विविध प्रतिनिधि उपस्थित थे ।
‘मैकडोनाल्ड’, ‘के.एफ्.सी.’ जैसे बहुराष्ट्रीय आस्थापनों ने घोषित किया है कि भारत में उनकी दुकानें १०० प्रतिशत ‘हलाल’ प्रमाणित हैं । ‘मैकडोनाल्ड’में जानेवाले बहुसंख्य हिन्दुओं को इस्लामी मान्यता अनुसार तैयार किए ‘हलाल’ के पदार्थ देना, हिन्दुओं की धार्मिक स्वतंत्रता का अनादर है । भारत के हिन्दुओं को खाने अथवा खरीदने की संवैधानिक स्वतंत्रता क्यों नहीं ? किसी भी परिस्थिति में हम हिन्दू समाज पर हलाल उत्पादनों की सख्ती नहीं लादी जाने देंगे । इसलिए हिन्दू समाज ‘हलाल प्रमाणित’ उत्पाद न लेते हुए इस बार की मंगलमय दिवाली हिन्दू पद्धति से ‘हलालमुक्त दीवाली’ मनाएं, ऐसा आवाहन समिति की ओर से किया गया ।
क्या है यह ‘हलाल’ प्रमाणपत्र ?
इस्लामनुसार ‘हलाल’ अर्थात जो वैध है । पहले ‘हलाल’ केवल मांस तक ही मर्यादित था; परंतु अब धर्मांधों द्वारा अपनी स्वतंत्र अर्थव्यवस्था खडी करने के लिए गृहसंस्था, औषधियां, सौंदर्यप्रसाधन आदि विविध बातों के लिए व्यापारियों को ‘हलाल’ प्रमाणपत्र संक्षेप में ‘वह इस्लामानुसार प्रमाणित है’, ऐसे आशय का प्रमाणपत्र लेने के लिए बाध्य किया है । इसके लिए कुछ इस्लामी संगठन कार्यरत हैं । उनके द्वारा संमत किए हुए प्रमाणपत्र को ‘हलाल प्रमाणपत्र’ कहा जाता है । देश में समांतर इस्लामी अर्थव्यवस्था स्थापित कर प्रचलित अर्थव्यवस्था को जर्जर करने के लिए धर्मांधों द्वारा ‘हलाल’ प्रमाणपत्र के माध्यम से रचा हुआ षडयंत्र है ।