हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों द्वारा दादर, वाशी एवं पनवेल में ‘हलालमुक्त दिवाली’ आंदोलन !
दादर/वाशी/पनवेल – मैकडोनाल्ड, के.एफ्.सी., बर्गरकिंग, पिज्जा हट जैसे नामी आस्थापन हिन्दू, जैन, सिक्ख जैसे गैर-मुस्लिम समाज को धडल्ले से ‘हलाल’ खाद्यपदार्थ बेच रहे हैं । पहले ‘हलाल’ यह संकल्पना केवल मांसाहारी पदार्थों तक एवं मुसलमान देशों में निर्यात तक ही सीमित थी । अब मात्र भारत के चीनी, तेल, आटा, चॉकलेट, मिठाई, सौंदर्यप्रसाधन, औषधिया आदि विविध उत्पाद भी ‘हलाल सर्टिफाईड’ होने लगे हैं । यही पैसा गैरमार्ग से इस्लामी आतंकवाद के लिए उपयोग किए जाने की जानकारी भी है । इसके विरोध में एकत्र आने पर हलाल प्रमाणपत्र की सख्ती को अब हिन्दुओं के बहिष्कार का झटका दिखाने का समय आ गया है, ऐसा स्पष्ट दो टूक वक्तव्य हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता डॉ. उदय धुरी ने किया ।
वाशी के सेक्टर १७ के मैकडोनाल्ड के सामने हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों द्वारा ‘हलालमुक्त दिवाली’ आंदोलन किया । इसमें हिन्दू जनजागृति समिति के साथ बजरंगदल, योग वेदांत सेवा समिति, गंगासागर फाऊंडेशन (नेरूळ), सनातन संस्था आदि संगठनों के सदस्य सहभागी हुए थे । पनवेल के आंदोलन में गायत्री परिवार के श्री. पी.के. शर्मा, दिघाटी गांव के उपसरपंच श्री. रोहिदास शेडगे एवं खोपोली के ‘कट्टर हिन्दू ग्रुप’के युवा कार्यकर्ता आंदोलन में सम्मिलित हुए थे । आंदोलन के उपरांत मैकडोनाल्ड एवं के.एफ्.सी.के व्यवस्थापकों को निवेदन दिया गया । दादर (पू.) रेल्वे स्थानक के बाहर भी ऐसा ही आंदोलन हुआ ।
पनवेल में मैकडोनाल्ड के व्यवस्थापकों द्वारा आंदोलन का विरोध करने पर पुलिस ने हिन्दुत्वनिष्ठों का पक्ष लेते हुए किया सहयोग !
आंदोलन के समय मैकडोनाल्ड के व्यवस्थापकों ने उनके उपाहारगृह के सामने आंदोलन करने पर विरोध दर्शाया; परंतु पुलिस ने उनसे यह कहते हुए कि ‘आंदोलन करना, यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है । आप उन्हें रोक नहीं सकते’, ऐसी पद्धति से भान करवाते हुए आंदोलन में सहयोग दिया ।
हलाल प्रमाणपत्र की सख्ती हम सहन नहीं करेंगे ! – सुमित व्यवहारे, माजी बजरंगदल प्रमुख, नवी मुंबई
मुंबईभारत के १५ प्रतिशत मुसलमान समाज के लिए ८० प्रतिशत हिन्दू समाज पर की जानेवाली हलाल उत्पादों की सख्ती हम सहन नहीं करेंगे । हमारी भी अपनी धर्मस्वतंत्रता है और हमें झटका पद्धति के ही उत्पाद चाहिए । ये आस्थापन यह भली-भांति समझ लें ।
क्षणिकाएं
१. दो पंजाबी नागरिकों ने आंदोलन देखकर ‘झटका पद्धति’ योग्य बताते हुए जागृति विषयी प्रशंसा की ।
२. ‘झटका’ एवं ‘हलाल’ में जो भेद है, उसे उपस्थित ४-५ पुलिसकर्मियों ने भी उत्सुकता से समझकर लिया ।
३. वाशी में मैकडोनाल्ड के व्यवस्थापक प्रदीप सणस ने स्वयं आंदोलनस्थल पर आंदोलनकारियों की मांगें सुनी और निवेदन स्वीकारा ।