मुंबई – दीर्घ कालखंड से अनेकानेक आघात झेलती हुई हिन्दू धर्म की अस्मिता और आज भी हिन्दूमन में प्राणों समान बसी ‘गीता’ ग्रंथ के विषय में वादग्रस्त वक्तव्य करते हुए भारत के भूतपूर्व गृहमंत्री एवं काँग्रेस के वरिष्ठ नेता शिवराज पाटील (चाकूरकर) ने एक नई खोज की है । उनका कहना है कि गीता से जिहाद की सीख दी जाती है । उनके इस वक्तव्य से सर्वत्र रोष फैल गया । उनके इस वादग्रस्त वक्तव्य के उपरांत हिन्दू धर्म की धरोहर बतानेवाले लिंगायत समाज में संभ्रम का वातावरण निर्माण करने का प्रयत्न किया गया है । इस प्रकरण में शिवराज पाटील पर आरोप प्रविष्ट कर उन्हें तत्काल बंदी बनाया जाए, ऐसी मांग अखिल वीरशैव लिंगायत महासंघ के कार्याध्यक्ष डॉ. विजय जंगम (स्वामी) ने की । वे मुंबई में मुंबई मराठी पत्रकार संघ में आयोजित पत्रकार परिषद में बोल रहे थे । इस अवसर पर महासंघ के नई मुंबई शहर संगठक श्री. महादेव जंगम सहित सर्वश्री प्रकाश जंगम, पद्माकर जंगम, सुभाष स्वामी एवं हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. बलवंत पाठक उपस्थित थे ।
यद्यपि शिवराज पाटील चाकूरकर लिंगायत हैं, तब भी जो विचार उनके रोम-रोम में बसा है, उनके ये वक्तव्य उसका ही प्रतीक है, ऐसा आरोप डॉ. विजय जंगम (स्वामी) ने किया है ।
शिवराज पाटील चाकूरकर लिंगायत समाज के होते हुए भी आज तक उन्होंने समाज के लिए क्या किया है ? हिन्दू धर्म के विषय एवं करोडों की अस्मिता रखनेवाली गीता के विषय में अपशब्दों का प्रयोग करनेवाले चाकूरकर हिन्दू धर्म के लिए खलनायक हैं । इसी अर्थ से वे लिंगायत समाज के लिए भी खलनायक हैं, इस वृत्ति का अखिल वीरशैव लिंगायत महासंघ की ओर से तीव्र निषेध किया जा रहा है, ऐसे महासंघ की ओर से प्रकाशित एक प्रसिद्धीपत्रक में कहा है ।
शिवराज पाटील का डी.एन्.ए. मुगलों को ही होगा ! – तुषार भोसले, प्रमुख, भाजप आध्यात्मिक गठबंधन
श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए पवित्र उपदेश को ‘जिहाद’ संबोधित करनेवाले शिवराज पाटील के ‘डी.एन्.ए.’ की जांच होनी चाहिए । वे १०० प्रतिशत मुगल ही निकलेंगे । इसीलिए उन्हें काँग्रेस ने देश का गृहमंत्री बनाया था । हिन्दूद्वेषी को बडे पद पर बिठाना, यही काँग्रेस का नियम है । इसीलिए महाराष्ट्र के नाम पर कलंक, शिवराज पाटील की सर्व सुविधाएं सरकार द्वारा वापस ले लेनी चाहिए और उन्हें महाराष्ट्र से बाहर खदेड देना चाहिए ।
शिवराज पाटील के वक्तव्य हिन्दू, हिन्दुत्व एवं हिन्दुस्थान का अनादर करनेवाले हैं ! – आचार्य पवन त्रिपाठी, उपाध्यक्ष, भाजप
भूतपूर्व केंद्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटील के वक्तव्य अर्थात हिन्दू, हिन्दुत्व एवं हिन्दुस्थान का अनादर करनेवाले हैं । ‘भगवद्गीता कहते हुए ‘श्रीकृष्ण अर्जुन से ‘जिहाद’ संबंधी बोलते हैं’, पाटील के विधान काँग्रेस की संस्कृति दिखानेवाले हैं । उनके विधान काँग्रेस के हिन्दूविरोधी विचारों से प्रेरित हैं, जो उनके नेताओं ने समय-समय पर व्यक्त किए हैं, ऐसा प्रतिपादन भाजप उपाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी ने प्रसिद्धीपत्रक द्वारा किए हैं ।
इस पत्रक में पवन त्रिपाठी ने कहा है कि,
१. भगवान श्रीराम की सेना द्वारा बनाया रामसेतु के काल्पनिक होने का दावा काँग्रेस ने ही किया था ।
२. काँग्रेस ने ही हिन्दू आतंकवाद एवं भगवा आतंकवाद का सिद्धांत प्रस्तुत किया एवं काँग्रेस नेता एवं भूतपूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद ने तो हिन्दुत्व की तुलना ‘बोको हराम एवं इस्लामिक स्टेट’ के आतंकवादी संगठनों से की थी ।
३. पाटील ने यह विधान कर काँग्रेस की हिन्दूविरोधी मानसिकता एवं परंपरा पुन: एक बार दिखा दी है ।
४. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘सबका साथ, सबका विकास एवं सबका विश्वास’ विषय में बताकर देश की एकात्मता एवं विकास का काम कर रहे हैं, तो दूसरी ओर पाटील समान काँग्रेसी नेता फालतू विधान कर अपने संस्कार दिखा रहे हैं ।
५. पाटील के वक्तव्य दुर्भाग्यपूर्ण एवं अक्षम्य हैं । यह हिन्दुओं का घोर अनादर है । इसके लिए पाटील को समस्त हिन्दू समाज से क्षमा मांगनी चाहिए । यह देश हिन्दू, हिन्दुत्व एवं हिन्दुस्थान का अनादर कदापि सहन नहीं करेगा ।