‘हलाल सख्तीविरोधी कृति समिति’के मुंबई पुलिस आयुक्त को आवाहन
मुंबई – मुंबई पर ‘२६/११’ के आतंकवादी आक्रमण के अभियोग में लडने के लिए आर्थिक आपूर्ति करनेवाली ‘जमियत उलेमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट’ नामक संगठन हलाल उत्पादों से पैसा कमा रहा है । हलाल उत्पादों से मिला पैसा आतंकवादी आक्रमण के आरोपियों को छुडवाने के लिए उपयोग में लाया जा रहा हो, तो ऐसे ‘हलाल शो इंडिया’को पुलिस एवं प्रशासन अनुमति कैसे दे सकता है ? इस कार्यक्रम को अनुमति देने से जनता के रोष का सामना करना होगा, ऐसा आवाहन ‘हलाल सख्तीविरोधी कृति समिति’ने मुंबई के पुलिस आयुक्त से किया है । ७ नवंबर को समिति के शिष्टमंडल ने मुंबई के पुलिस आयुक्त विवेक फणसाळकर से मिलकर, उन्हें निवेदन सौंपा ।
इस निवेदन में कहा गया है कि,
१. मुंबई की मरिन लाईन्स में इस्लाम जिमखाना में १२ एवं १३ नवंबर को ‘ब्लॉसम इंडिया’की ओर से हलाल वस्तुओं की विक्री को प्रोत्साहन देने के लिए ‘हलाल शो इंडिया’ नामक कार्यक्रम आयोजित किया गया है ।
२. मुंबई में जवेरी बाजार के श्रृंखला (चेन) बमविस्फोट, देहली की जामा मस्जिद में बमविस्फोट, पुणे की जर्मन बेकरी बमविस्फोट, वर्ष २००६ का मालेगांव बमविस्फोट, कर्णावती (अहमदाबाद) बमविस्फोट आदि अनेक आतंकवादी कार्रवाईयों के आरोपियों को ‘जमियत उलेमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट’ ने कानूनसंबंधी सहायता उपलब्ध करवाई है ।
३. ‘जमियत उलेमा-ए-हिंद’ वर्तमान में ‘लष्कर-ए-तोयबा’, ‘इंडियन मुजाहिदीन’, ‘इस्लामिक स्टेट’ जैसे विविध आतंकवादी संगठनों से संबंधित लगभग ७०० संशयित आरोपियों के अभियोग लड रहे हैं । किसी निरपराध व्यक्ति पर अन्याय होने पर उसका अभियोग लडना हम समझ सकते हैं; मात्र प्रत्येक जिहादी आतंकवादी कार्रवाइयों में सम्मिलित एवं पुलिस अन्वेषण में दोषी पाए गए सभी आरोपियों को निरपराध मानना’, संशयास्पद है ।
४. केंद्र सरकार की ‘अन्न सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफ्.एस्.एस्.आइ.) एवं राज्य का ‘अन्न एवं औषधि प्रशासन’ (एफ्.डी.ए.) विभाग के होते हुए अलग से हलाल प्रमाणपत्र देना, अर्थात समांतर कारभार करने का प्रकार गंभीर है ।
५. इस कार्यक्रम के विरोध में समस्त राष्ट्रप्रेमी नागरिक रस्ते पर उतर आएंगे । इसलिए इस कार्यक्रम को अनुमति न दी जाए, ऐसी हम सभी राष्ट्रप्रेमी नागरिकों की विनती है ।
परराष्ट्रमंत्री डॉ. एस्. जयशंकर के वक्तव्य गंभीरता से लें !
२८ अक्टूबर २०२२ को मुंबई में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद हुई । इस परिषद में केंद्रीय परराष्ट्रमंत्री डॉ. एस्. जयशंकर उपस्थित थे उन्होंने ‘आतंकवादियों को होनेवाली आर्थिक आपूर्ति’ ही आतंकवादी कार्रवाईयों का मूल होना बताया है । हलाल प्रमाणपत्र के माध्यम से यही होने की गहरी संभावना है । इसलिए ‘पुलिस को परराष्ट्रमंत्रियों का वक्तव्य गंभीरता से लेना चाहिए’, ऐसा आवाहन ‘हलाल सख्तीविरोधी कृति समिति’की ओर से किया गया है ।
आजाद मैदान पर हुए दंगों का विचार कर योग्य भूमिका ली जाए !
११ अगस्त २०१२ को आजाद मैदान पर मोर्चे के समय दंगे हुए थे । आंदोलनकर्ताओं ने महिला पुलिस का विनयभंग किया । पुलिस पर आक्रमण किया । पुलिस, पत्रकार एवं मुंबई महानगरपालिका की गाडियों की तोडफोड की थी । वह दिन महाराष्ट्र के इतिहास का ‘काला दिवस’ है । ‘इन सभी बातों की गंभीरता से विचार कर पुलिस को समय रहते ही योग्य भूमिका लेनी चाहिए, ऐसा भी कृति समिति के निवेदन में कहा गया है ।