महाराष्ट्र में सतारा जिला प्रशासन ने बृहस्पतिवार को बीजापुर के आदिल शाही वंश के सेनापति अफज़ल खान के मकबरे के आसपास सरकारी ज़मीन पर बने अनधिकृत ढांचों को ध्वस्त कर दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अफज़ल खान को महाराष्ट्र के सतारा जिले में प्रतापगढ़ किले के पास मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज ने मौत की नींद सुला दिया था। उसकी याद में वहां एक मकबरा बनाया गया था।
Maharashtra | Anti-encroachment drive underway near Afzal Khan's tomb in Satara near Pratapgad, in compliance with the Bombay High Court order: Satara Police pic.twitter.com/44BvZO7jWE
— ANI (@ANI) November 10, 2022
सातारा जिला स्थित प्रतापगढ़ में अफजल खान की कब्र के पास व्यापक स्तर पर किए गए अवैध निर्माण का ध्वस्तीकरण जिला प्रशासन और राजस्व विभाग की टीम ने गुरुवार सुबह छह बजे से शुरू कर दिया है। किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो, इसलिए क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है। चार जिलों के 1500 से अधिक पुलिसकर्मी प्रतापगढ़ में तैनात किए गए हैं।
अफजलखान की कब्र के पास अनाधिकृत निर्माण कार्य को गिराने के लिए @mieknathshinde ,@Dev_Fadnavis , और @SMungantiwar जी
का अभिनंदन !और प्रतापगढ़ के पास शिवपराक्रम का भव्य 'शिवप्रताप स्मारक' बनवाएं तथा राज्य के सभी दुर्ग-किलों को अतिक्रमण मुक्त करें ! – @HinduJagrutiOrg @ANI pic.twitter.com/1WQn5y3LWX
— Hindurashtra (@HJS_Convener) November 10, 2022
जानकारी के अनुसार प्रतापगढ़ में अफजल खान की कब्र (मकबरा) उसका वध होने के बाद खुद छत्रपति शिवाजी महाराज ने बनवाया था। शुरुआत में यह कब्र कुछ फीट की जगह में थी लेकिन बाद में इस कब्र का सौंदर्यीकरण किया गया और वन विभाग की एक एकड़ जमीन पर अतिक्रमण कर 19 अवैध कमरे बना दिए गए।
उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई उच्च न्यायालय के आदेश और राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार की गई है। अधिकारी ने कहा, ‘‘अनधिकृत ढांचा 15 से 20 गुंठा भूमि (एक गुंठा 1,089 वर्ग फुट के बराबर) पर फैला हुआ था।” उन्होंने कहा कि ज़मीन का कुछ हिस्सा वन विभाग का है, जबकि कुछ हिस्सा राजस्व विभाग का है।
साल 2006 में स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत संबंधित विभाग से की। जब विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं की गई, तो यह मामला कोर्ट में चला गया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में दायर की गई याचिकाओं पर फैसला करते हुए 15 अक्टूबर 2008 और 11 नवंबर 2009 को निर्माण को गिराने का आदेश दिया था। इस आदेश को आगे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा और 2017 में अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
अवैध निर्माण गिराया गया, अब प्रतापगढ किले की तलहटी पर भव्य ‘शिवप्रताप स्मारक’ बनाएं ! – हिन्दू जनजागृति समिति की मांग
शिंदे-फडणवीस सरकार के साहसिक निर्णय के लिए अभिनंदन !
विगत अनेक वर्षों से न्यायालय द्वारा आदेश दिए जाने पर भी अफजलखान की कब्र के आस-पास का अवैध निर्माण गिराया नहीं गया । इस स्थान पर अनेक हिन्दुत्वनिष्ठों एवं शिवप्रेमियोंने विभिन्न आंदोलन किए, प्रसंगवश शिवप्रेमियों ने लाठियां झेलीं, कारावास भी भोगा; परंतु तब भी कांग्रेसी सरकारों ने उसकी अनदेखी की; परंतु आज शिंदे-फडणवीस सरकार ने शिवप्रेमियों का आत्मीय विषय तथा अनेक वर्षाें से प्रलंबित अफजलखान की कब्र के पास हुआ अवैध निर्माण गिराना आरंभ किया । अफजलखान वध के अर्थात ‘शिवप्रतापदिन’ के उपलक्ष्य में महाराष्ट्र सरकार ने यह अवैध निर्माण गिराना आरंभ किया, इस निर्णय के लिए हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से सरकार का मन:पूर्वक अभिनंदन ! जिस प्रकार छत्रपति शिवाजी महाराज ने अत्याचारी अफजलखान की आंतडियां बाहर निकालकर महापराक्रम दिखाया, उसी प्रकार से महाराष्ट्र की सरकार ने छत्रपति शिवाजी महाराज का पराक्रम दबानेवाले तथा अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण करनेवाले अवैध निर्माणों की ‘आंतडियां बाहर निकाली हैं’ । अब इसी स्थान पर भव्य ‘शिवप्रताप स्मारक’ का निर्माण किया जाए तथा इस पराक्रम का इतिहास सामने लाने के लिए प्रयास किए जाएं । हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र संगठक श्री. सुनील घनवट ने यह मांग की है ।
शिवप्रतापदिनाच्या निमित्ताने अफजलखानाच्या कबरीजवळी अनधिकृत बांंधकाम पाडल्याविषयी महाराष्ट्र शासनाचे अभिनंदन..
प्रतापगडाच्या पायथ्याशी शिवपराक्रमाचे भव्य ‘शिवप्रताप स्मारक’ उभारा आणि राज्यातील सर्व गड-किल्ले अतिक्रमणमुक्त करा !- @HinduJagrutiOrg
@CMOMaharashtra @Ramesh_hjs pic.twitter.com/YuUM8neq6O— Sunil Ghanwat (@SG_HJS) November 10, 2022
छत्रपति शिवाजी महाराज के सभी गढ-किले अतिक्रमणमुक्त करें !
छत्रपति शिवाजी महाराज ने जहां पराक्रम किया, उस स्थान पर इस्लामी अतिक्रमण होना मुगलों का महिमामंडन तथा छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम का अपमान ही है । आज प्रतापगढ किले की तलहटी पर किया गया अवैध निर्माण गिराया जा रहा है । हिन्दू जनजागृति समिति ने यह मांग भी की है कि, इसी प्रकार से राज्य के सभी गढ-किलों पर हुए इस्लामी अतिक्रमण हटाए जाएं । हिन्दू जनजागृति समिति विगत कुछ वर्षाें से बडे स्तर पर आंदोलन एवं जागृति कर रही है । कोल्हापुर के विशालगढ किले पर 100 से अधिक आर्.सी.सी. पद्धति के अवैध निर्माण हुए हैं । वहां रेहानबाबा की दरगाह का भव्य स्वरूप में नए सिरे से निर्माण किया है । इसी प्रकार से पुणे के लोहगढ किले पर भी अवैध कब्र का निर्माण कर उर्स मनाया जाता है । ठाणे के मलंगगढ किले पर किया गया अतिक्रमण हो अथवा कुलाबा में बनाई गई अवैध मजार हो; जिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने राज्य की अत्याचारी इस्लामी बादशाहियां मिटाकर हिन्दवी स्वराज की स्थापना की, उनके किलों पर पुनः किए गए इस्लामी अतिक्रमण छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम का अपमान करनेवाले ही हैं; इसलिए राज्य सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम के साक्षी सभी किलों पर किए गए अतिक्रमण हटाने का अभियान हाथ में ले, श्री. सुनील घनवट ने यह मांग भी की है ।