हिंन्दू जनजागृति समिति का कागल में निवेदन
कागल (जिला कोल्हापुर) – राज्य के चर्चप्रणीत अनाथालय, इसके साथ ही कॉन्वेंट विद्यालय में अवयस्क लडकियों एवं विद्यार्थियों का लैंगिक शोषण हो रहा है । अनेक शहरों में कॉन्वेंट विद्यालय चलानेवाले बिशप एवं फादर छोटे बच्चों पर लैंगिक अत्याचार करते हैं, ऐसी शिकायत अनेक अभिभावकों की है । अत: कॉन्वेंट विद्यालय, इसके साथ ही चर्चप्रणीत अनाथालय में अल्पवयीन लडके-लडकियों पर लैंगिक अत्याचार करनेवालों पर कठोर कार्रवाई की जाए, ऐसी मांग का निवेदन कागल के निवासी नायब तहसीलदार श्रीमती रूपाली सूर्यवंशी-बरगे को दिया गया । इस प्रसंग में शिवसेना के श्री. धनाजी नागराळे, हिन्दुत्वनिष्ठ सर्वश्री प्रमोद आरेकर, अमोल धुमाळ, रुद्राप्पा पाटील के साथ ही हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. संतोष सणगर उपस्थित थे ।
इस प्रसंग में निम्नलिखित मांगें की गईं –
१. अवयस्क लडके-लडकियों पर लैंगिक एवं अन्य प्रकार के अत्याचार करना, यह पॉक्सो कानून के अनुसार और ‘बाल अधिकार संरक्षण कानून २००५’ अनुसार गंभीर अपराध है । इसलिए महाराष्ट्र की सर्व कॉन्वेंट विद्यालय एवं चर्चप्रणीत अनाथालयों में इसप्रकार के अत्याचार तो नहीं हो रहे हैं न ? यह देखने के लिए पत्रकार, समाजसेवक, पुलिस, महिला, निवृत्त न्यायाधीश एवं शासकीय अधिकारियों का एक ‘विशेष जांच पथक’ नियुक्त कर विद्यालयों की छानबीन की जाए ।
२. ऐसी घटनाओं के संदर्भ में जिन अभिभावकों ने पहले परिवाद किया है, उन पर भी कार्रवाई नहीं हुई है । अत: उन प्रकरणों में पुन: पूछताछ कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए ।
३. अवयस्कों पर अत्याचार करने के प्रकरण में दोषी पाए जानेवाले कॉनवेंट विद्यालयों में एवं चर्च द्वारा चलाए जा रहे अनाथालय के विश्वस्त मंडलों पर अपराध प्रविष्ट कर उन संस्थाओं की मान्यता रहित की जाए ।