उत्तराखंड की धामी सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून को और सख्त किया है। सरकार ने इसमें संशोधन करते हुए 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान किया है। पिछले कानून में जबरन धर्मांतरण के लिए 5 साल की सजा का प्रावधान था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह मंजूरी दी गयी।
In the cabinet meeting, strict amendments were made in the conversion law in Uttarakhand. Forced conversion will now be a cognizable offence in Uttarakhand. Provision of 10 years of punishment in the new law. Forced conversion and love jihad will be banned.
— ANI (@ANI) November 16, 2022
सूत्रों ने बताया कि, इस संशोधन को जल्द ही राज्य विधानसभा में लाया जाएगा. इसके अलावा उत्तराखंड हाई कोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट करने का भी फैसला लिया गया है। लगभग 3 घंटे तक चली इस महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक में 29 फैसलों पर मुहर लगी।
स्रोत: इंडिया डॉट कॉम