नई दिल्ली : कतर ने विवादास्पद भारतीय इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को फीफा विश्व कप 2022 में धार्मिक प्रवचन देने के लिए आमंत्रित किया है, जो भारत में प्रतिबंधित है। भारत में धन शोधन और हेट स्पीच के आरोपों का सामना करने वाला नाइक 2017 से मलेशिया में निर्वासन में रह रहा है। भारत ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा है। कतर सरकार के स्वामित्व वाले स्पोर्ट्स चैनल अलकास के प्रस्तुतकर्ता फैसल अल्हाजरी ने ट्वीट किया, ‘उपदेशक शेख जाकिर नाइक विश्व कप के दौरान कतर में मौजूद हैं और पूरे टूर्नामेंट के दौरान कई धार्मिक व्याख्यान देंगे।’ कतर के मीडिया एंड फिल्म प्रभारी जैन खान ने भी एक आमंत्रित गणमान्य व्यक्ति के रूप में कतर में नाइक की उपस्थिति की पुष्टि की और ट्वीट किया, ‘हमारे समय के सबसे लोकप्रिय इस्लामिक विद्वानों में से एक डॉ जाकिर नाइक #FIFAWorldCup के लिए #कतर पहुंच गए हैं।’
Qatar has invited Zakir Naik, a controversial Indian Islamic preacher who is banned in India, to give religious sermons at the FIFA world cup 2022. Zakir is also a wanted person in Bangladesh.
Srinjoy Chowdhury shares more details with @anchoramitaw pic.twitter.com/e20xrQmM14
— TIMES NOW (@TimesNow) November 21, 2022
भारत ने 2016 के अंत में जाकिर नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) को उसके अनुयायियों द्वारा ‘विभिन्न धार्मिक समुदायों और समूहों के बीच दुश्मनी, घृणा, या दुर्भावना की भावनाओं को बढ़ावा देने या बढ़ावा देने का प्रयास करने’ के लिए प्रोत्साहित करने और मदद पहुंचाने के आरोप में गैरकानूनी घोषित कर दिया था। इस साल मार्च में, गृह मंत्रालय (MHA) ने आईआरएफ को एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया और इसे पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया। नाइक, जिसने 1990 के दशक के दौरान IRF के माध्यम से दावा (इस्लाम को अपनाने के लिए लोगों को आमंत्रित करने या बुलाने का एक कार्य) की अपनी गतिविधियों के लिए प्रसिद्धि हासिल की, वह ‘तुलनात्मक धर्म’ पीस टीवी का संस्थापक भी है।
इस चैनल की कथित तौर पर 100 मिलियन से अधिक दर्शकों तक पहुंच थी, जिनमें से कई उन्हें सलाफी (सुन्नी समुदाय के भीतर एक सुधारात्मक प्रयास) विचारधारा के प्रतिपादक के रूप में मानते हैं। भारतीय कानून से बचने के लिए जाकिर नाइक मलेशिया चला गया। भले ही उसका मलेशिया में स्थायी निवास है, लेकिन इस देश ने भी 2020 में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के हितों को ध्यान में रखते हुए नाइक के ‘धार्मिक उपदेश’ देने पर प्रतिबंध लगा दिया। दरअसल, फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन पहली बार मुस्लिम देश में हो रहा है। एक्सपर्ट इसे इस्लामिक प्रचार के टूल्स के रूप में देख रहे हैं। कतर ने ही विवादित भारतीय चित्रकार एमएफ हुसैन को शरण दी थी। नूपुर शर्मा विवाद में भी कतर विरोध जताने वाले देशों का स्वयंभू नेतृत्व कर रहा था।
कुछ दिन पहले कतर सरकार ने 558 फुटबॉल फैंस के इस्लाम कबूल करने का प्रचार किया था। जुलाई 2016 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 5 आतंकियों ने एक हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 29 लोग मारे गए थे। इस घटना की जांच में जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया उनमें से एक ने बताया था कि वह जाकिर नाइक के भाषणों से प्रभावित है। इसके बाद मुंबई पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने मामले की जांच की। शुरुआती जांच के बाद जाकिर नाइक के NGO पर UAPA के तहत बैन लगा दिया गया। जाकिर नाइक 2016 में ही भारत छोड़ मलेशिया भाग गया था। केंद्र सरकार ने आईआरएफ को प्रतिबंधित करने के बारे में कहा कि इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन ऐसी गतिविधियों में शामिल है, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इससे देश की शांति, सांप्रदायिक सद्भाव और धर्मनिरपेक्षता पर खतरा है।