Menu Close

‘२६/११’ से पहले हलाल प्रमाणपत्र बंद करें, अन्यथा ‘त्रिशूल प्रमाणपत्र’ वितरित करेंगे – डॉ. विजय जंगम

अ.भा. वीरशैव लिंगायत महासंघ के कार्याध्यक्ष डॉ. विजय जंगम की चेतावनी

बाएं से श्री. सागर चोपदार, अधिवक्ता आशीष आनंद, डॉ. विजय जंगम एवं श्री. सुनील घनवट

मुंबई – २६ नवंबर २००८ को मुंबई पर आतंकवादी आक्रमणों में हुतात्मा हुए सैनिक, पुलिस एवं नागरिकों को हम प्रतिवर्ष श्रद्धांजलि देते हैं । उन्हें खरे अर्थ में श्रद्धांजलि देनी हो, तो आनेवाले २६ नवंबर से पहले सरकार को संपूर्ण देश में हलाल प्रमाणपत्र पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, अन्यथा अखिल भारतीय वीरशैव लिंगायत महासंघ की ओर से हिन्दू व्यापारियों को ‘त्रिशूल’ प्रमाणपत्र वितरित किया जाएगा, ऐसी घोषणा महासंघ के कार्याध्यक्ष डॉ. विजय जंगम (स्वामी) ने ११ नवंबर को मुंबई मराठी पत्रकार संघ द्वारा ली गई पत्रकार परिषद में की । उन्होंने आगे कहा कि ‘इस प्रमाणपत्र का प्रारंभ मैं अपने ही उत्पादों से करूंगा !’ इस अवसर पर महासंघ के कानूनी सलाहाकार अधिवक्ता आशीष आनंद, हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट एवं हलाल सख्तीविरोधी समिति के सचिव श्री. सागर चोपदार भी उपस्थित थे । अधिवक्ता आशिष आनंद ने बताया कि संविधान के अनुसार प्रत्येक नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता है । इसलिए मुसलमान के अतिरिक्त अन्य धर्म के ग्राहकों को हलाल पदार्थों की सख्ती नहीं की जा सकेगी ।

ऐसी है त्रिशूल प्रमाणपत्र की संकल्पना !

इस अवसर पर डॉ. विजय जंगम ने कंहा, ‘‘जिस प्रकार ‘हलाल प्रमाणपत्र’ लेनेवाले आस्थापनों के उत्पादों पर ‘हलाल’का ‘लोगो’ छापा जाता है । उस अनुसार हम ‘त्रिशूल प्रमाणपत्र’ देनेवाले हैं । यह प्रमाणपत्र लेनेवाले प्रतिष्ठानों (कंपनी)के उत्पादों पर ‘त्रिशूल’का चित्र होगा । सभी प्रतिष्ठान एवं समस्त हिन्दू व्यापारियों को ‘त्रिशूल’ प्रमाणपत्र लेने के लिए हम आवाहन करनेवाले हैं । मेरा अपना भी आययुर्वेद उत्पादों का प्रतिष्ठान (कंपनी) है । मैं अपने प्रतिष्ठान के उत्पादों के लिए यह प्रमाणपत्र लेकर इसका प्रारंभ करनेवाला हूं ।’’

डॉ. जंगम आगे बोले, ‘‘मुंबई सहित भारत को हलाल प्रमाणपत्र की सख्ती की जा रही है । ‘हलाल प्रमाणपत्र न लेनेवाले विशिष्ट समुदाय के लोक उत्पादों का बहिष्कार करेंगे’, ऐसा भय उत्पन्न किया जा रहा है । खाद्यपदार्थ एवं औषधियों को प्रमाणपत्र देने के लिए सरकार की अधिकृत संस्था होते हुए भी ‘हलाल प्रमाणपत्र समान निजी प्रमाणपत्र की सख्ती किसलिए ? इससे मिलनेवाले पैसों का हिसाब केंद्र सरकार अथवा किसी भी राज्य सरकार के पास है क्या ? यह सर्व पैसा आतंकवादी कार्रवाईयों के लिए उपयोग किया जाता है । ऐसा बारंबार सिद्ध हुआ है । ‘जमियत-उलेमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट’ सार्वजनिकरूप में (खुले आम) आतंकवादी कार्रवाईयों के आरोपियों का वकालतनामा (वकीलपत्र) स्वीकार रहे हैं । आतंकवादी कार्रवाईयों में सम्मिलित आरोपियों को अभियोग लडने के लिए हलाल प्रमाणपत्र देनेवाले इस्लामी संगठनों द्वारा आर्थिक सहायता की जा रही है । हम केंद्र सरकार को स्पष्ट चेतावनी दे रहे हैं कि, ‘२६/११’ के आक्रमण में बलि चढे निष्पाप जीवों को श्रद्धांजलि देनी हो, तो सबसे पहले आतंकवादियों की आर्थिक आपूर्ति करनेवाला हलाल प्रमाणपत्र त्वरित बंद करें ।’’

हलाल प्रमाणपत्र देनेवाले सर्व आस्थापनों की ‘ईडी’ द्वारा पूछताछ की जाए ! – सुनील घनवट, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक, हिन्दू जनजागृति समिति

भारत में हलाल प्रमाणपत्र देनेवाले संगठनों द्वारा आतंकवादी कार्रवाईयों के आरोपियों के अभियोग के लिए आर्थिक सहायता होने की जानकारी हमने मुंब‌ई पुलिस को दी है । हलाल प्रमाणपत्र द्वारा मिलनेवाला पैसा वास्तव में किसलिए उपयोग किया जाता है, इसका अन्वेषण प्रवर्तन निदेशालय द्वारा (‘ईडी’) द्वारा किया जाए । भारत शऱीयतपर नहीं, अपितु संविधान पर चलनेवाला राष्ट्र है । इस्लामी राष्टों में हलाल प्रमाणित पदार्थ बेचे जाते हैं; मात्र भारत में मुसलमानों की लोकसंख्या अल्प होते हुए भी भारत में हलाल प्रमाणपत्र की सख्ती किसलिए ? भारत में हिन्दू हलाल प्रमाणित पदार्थ क्यों लें ?

संपूर्ण देश में हलाल प्रमाणपत्र की सख्ती बंद होने तक आंदोलन शुरू रहेगा ! – सागर चोपदार, सचिव, हलाल सख्तीविरोधी समिति

हलाल प्रमाणपत्र की सख्ती का विरोध करने के लिए हलाल सख्तीविरोधी समिति की अब तक ४२ बैठकें हो गईं । हलाल प्रमाणपत्र के विरोध में आंदोलन को संपूर्ण राज्य में हिन्दुओं का समर्थन मिल रहा है । हलाल प्रमाणपत्र केवल मांस तक ही सीमित नहीं, अपितु सौंदर्यप्रसाधन के साथ सर्व उत्पादनों के लिए हलाल प्रमाणपत्र की सख्ती की जा रही है । हलाल सख्तीविरोधी कृति समिति के आंदोलन के कारण मुंबई में होनेवाली हलाल सख्तीविरोधी परिषद रहित हो गई हो, तब भी भारत से हलाल प्रमाणपत्र की सख्ती जब तक बंद नहीं होती, तब तक हमारा आंदोलन चलता रहेगा ।

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *