हिन्दू सेवा परिषद की ओर से आयोजित व्याख्यानमाला
जबलपुर (मध्यप्रदेश) – हिन्दू संस्कृति एवं सभ्यता टिकाए रखने के लिए देशव्यापी जनजागृति शुरू है । तलवार के बल को लेखनी के जोर पर पराजित कर सकते हैं; परंतु उतना ही पर्याप्त नहीं, अपितु राजकीय एवं सामान्य जनमानस की शक्ति बनकर हमें न्याय के लिए लढना होगा । यह देश पुन: हिन्दू राष्ट्र हो, ऐसा भारतीय युवकों को लगता है; परंतु उसके लिए जनमानस को जागृत होना आवश्यक है, ऐसा मार्गदर्शन सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता पू. हरि शंकर जैन ने किया । ‘हिन्दू सेवा परिषद’की ओर से यहां के मानस भवन सभागृह में दीपोत्सव एवं व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया था । उसमें वे मार्गदर्शन कर रहे थे । इस अवसर पर जगद्गुरु स्वामी राघवदेवाचार्य, स्वामी मुकुंद दास, आचार्य धीरेंद्र, स्वामी पगलानंद, हिन्दू जनजागृति समिति के उत्तरप्रदेश एवं बिहार राज्य समन्वयक श्री. विश्वनाथ कुलकर्णी आदि उपस्थित थे ।
ज्ञानवापी के शिवलिंग की जांच वैज्ञानिक पद्धति से विशेषज्ञों द्वारा होनी चाहिए ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सर्वोच्च न्यायालय
हिन्दुओं के विरोध में अनेक कानून निरस्त होने की यह लडाई है । २७ हिन्दू एवं जैन मंदिरों को तोडकर उस स्थान पर मस्जिद बनाई गई थी । वे मंदिर पुन: प्राप्त नहीं किए गए, तो अपनी संस्कृति नष्ट होगी । इसलिए हम काशीविश्वनाथ मंदिर की लडाई लड रहे हैं । इस ज्ञानवापी शिवलिंग की जांच वैज्ञानिकदृष्टि से विशेषज्ञों द्वारा होनी चाहिए । उसका पुरातत्व विभाग से सर्वेक्षण होने पर वे शिवलिंग शिवमंदिर का ही है, यह सिद्ध होगा ।
हलाल अर्थव्यवस्था भारत के विरोध में जिहाद को प्रोत्साहन दे रही है ! – विश्वनाथ कुलकर्णी, हिन्दू जनजागृति समिति
चीन भारत में अपने उत्पाद बेचकर हमारे देश एवं सैनिकों के विरोध में षड्यंत्र रच रहे हैं । उसीप्रकार हलाल अर्थव्यवस्था भारत के विरोध में जिहाद को प्रोत्साहन दे रही है । हलाल अर्थव्यवस्था के जोर पर देश में आतंकवादियों का काम शुरू है । इसलिए प्रत्येक हिन्दू को इसका विरोध करना चाहिए ।