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वाराणसी में २ दिनों के हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का प्रारंभ !
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ज्ञानवापी मुक्ति अभियान की कानूनी लडाई को १०० से अधिक संगठनों का समर्थन !
वाराणसी (उत्तरप्रदेश), १२ नवंबर (वार्ता.) – ‘धारा ३७० हटाने के पश्चात भी कश्मीर में हिन्दुओं की लक्ष्यित हत्याएं रुकी नहीं । कश्मीर से हिन्दू पलायन कर रहे हैं । कश्मीर के उपरांत अब उत्तरप्रदेश, देहली, मध्यप्रदेश, गुजरात आदि राज्यों में हिन्दू अपने घरों पर ‘घर बिकाऊ है’, ऐसे फलक लगाते दिखाई दे रहे हैं । ऐसी स्थिति में हिन्दू समाज को अपने अस्तित्व के लिए हिन्दू राष्ट्र का आंदोलन प्रखर करना आवश्यक है’, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे ने यहां किया ।
भारत एवं नेपाल को संविधान की दृष्टिकोण से हिन्दू राष्ट्र बनाने की योजना की रूपरेखा तैयार करने के लिए १२ नवंबर को वाराणसी के आशापुर में ‘तनिष्क बैंक्वेट हॉल’ में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित २ दिवसीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का प्रारंभ हुआ । उसमें सद्गुरु डॉ. पिंगळे बोल रहे थे । इस अधिवेशन का प्रारंभ उपस्थित संतों के शुभहस्तों दीपप्रज्वलन से हुआ । अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में ‘भारत सेवाश्रम संघ’के स्वामी ब्रह्मयानंद एवं योगीराज पीठाधीश्वर राजकुमार महाराज ने मार्गदर्शन किया । ज्ञानवापी प्रकरण में श्री शृंगार गौरी देवी की पूजा की अनुमति मिले, इस हेतु कानूनी लडाई करनेवाले डॉ. सोहनलाल आर्य, डॉ. रामप्रसाद सिंह एवं अधिवक्ता मदन मोहन यादव का इस अधिवेशन में सम्मान किया गया । इसके साथ ही ‘सनातन पंचांग २०२३’के हिन्दी ‘ॲन्ड्रॉइड एप’का प्रकाशन भी व्यासाचार्य किशोर गौतम के हस्तों किया गया ।
१. हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळ ने कहा कि देहली, उत्तरप्रदेश, बिहार, ओडिशा इत्यादि राज्यों के १०० से भी अधिक संगठन, इसके साथ ही नेपाल एवं अमेरिका के हिन्दुओं ने ज्ञानवापी की मुक्ति के लिए हो रही कानूनी लडाई का समर्थन किया है ।
२. इस प्रसंग में नेपाल के व्यासाचार्य किशोर गौतम बोले, ‘आज की स्थिति में पृथ्वी पर एक भी हिन्दू राष्ट्र नहीं । नेपाल में ईसाई धर्म का प्रसार वेग से हो रहा है । आगामी काल में नेपाल भी मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश समान ईसाई राज्य बनेगा । यह षड्यंत्र रोकने के लिए भारत एवं नेपाल को एकत्रित प्रयत्न करने की आवश्यकता है ।