देश में हिंदुओं के विरुद्ध चल रहे षड्यंत्रों को लेकर हिंदू संगठनों में आक्रोश है। इसे देखते हुए कर्नाटक के कुक्के सुब्रमण्य मंदिर में होनेवाले चंपा षष्ठी उत्सव के लिए हिंदू जागर वेदिके, हिंदू जागरण फोरम जैसे संगठनों ने बड़ी मांग की है। उनकी मांग है कि, इस उत्सव में लगनेवाले सैकड़ो स्टाल और दुकानों में हिंदू धर्म न माननेवालों का व्यवसाय प्रतिबंधित किया जाए।
Karnataka | Hindu Jagaran Vedike put up a poster announcing the banning of other communities' shops and stalls during the 'Champa Shashti' of the Kukke Subrahmanya Temple in Subramanya of Dakshina Kannada district. pic.twitter.com/HGswvSk0i9
— ANI (@ANI) November 24, 2022
दिनों दिन बढ़ रही लव जिहाद की घटनाएं, मतांतरण की खबरों से हिंदू संगठन चिंतित हैं। इसे देखते हुए अब समाज की सुरक्षा के लिए कर्नाटक के हिंदू जागर वेदिके, हिंदू जागरण फोरम जैसे संगठनों ने आगामी 29 तारीख को होनेवाले चंपा षष्ठी उत्सव में गैर हिंदुओं के व्यवसाय पर बंदी लगाने की मांग की है। इस अवसर पर कर्नाटक के प्रसिद्ध कुक्के सुब्रमण्य मंदिर में बड़ा उत्सव होता है। जिसमें राज्य के लाखो श्रद्धालू हिस्सा लेते हैं। इस उत्सव में सैकड़ो दुकान और स्टाल कुक्के सुब्रमण्य कॉन्स्टिटुएन्सी में लगते हैं।
हिंदू जागरण वेदिके और हिंदू जागरण फोरम का कहना है कि देश में हिंदू लोगों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया जा रहा है। देश में लगातार लवजिहाद और धर्मांतरण जैसी घटनाएं बढ़ रही है इसलिए मंदिर परिसर पर गैर हिंदुओं के स्टॉल नहीं लगने चाहिए।
नियमों के अंतर्गत मांग
हिंदू जागरण फोरम के अनुसार हिंदू रिलीजियस एंडोमेन्ट डिपार्टमेंट के नियम में इस बात का उल्लेख है कि, कुक्के सुब्रमण्य कॉन्स्टिटुएन्सी में उत्सव के बीच हिंदू धर्म न माननेवालों को दुकान व स्टाल न दिया जाए। इसके अनुसार संगठन ने कुक्के सुब्रमण्य कॉन्स्टिटुएन्सी को पत्र लिखकर मांग की है। जबकि हिंदू जागरण वेदिके ने पोस्टर भी लगा दिया है। हिंदू संगठनों का यह कदम हिंदू द्वेश से रक्षा के लिए उठाए जाने की बात की जा रही है। इस अवसर पर बडी संख्या में महिलाएं और बच्चे आते हैं, जिनकी सुरक्षा आवश्यक है। वहीं, अन्य धर्मियों के पूजा स्थलों में भी ऐसे नियम बने हुए हैं।
आपको बता दें कि, कुक्के मंदिर आस्था का मानक है। जहां हर साल लाखों की संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं। ये दक्षिण कन्नड़ के सुब्रमण्या गांव में स्थित है, जहां भगवान सुब्रह्मण्य की पूजा होती है, जो सभी नागों के स्वामी कहे जाते हैं। कहते हैं इस मंदिर में जो भी मांगा जाता है, वो मुराद जरूर पूरी होती है। वैसे यहां लोग मुख्यत: सर्प दोष को दूर करने के लिए आते हैं।
मालूम हो कि, अगहन माह या मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को चंपा षष्ठी होती है। इस दिन भगवान शिव के मार्कंडेय स्वरूप पूजा होती है। अब चूंकि सर्प भगवान शिव के गले के हार हैं इसलिए कुक्के मंदिर में इस दिन खास पूजा होती है। हालांकि स्कंदपुराण के अनुसार यह दिन भगवान शिव के बड़े पुत्र कार्तिकेय को भी समर्पित है इसलिए इसे स्कंद षष्ठी भी कहते हैं। लोग इस दिन व्रत रखते हैं और फलाहार करते हैं। इस बार षष्ठी तिथि का प्रारंभ 28 नवंबर दिन सोमवार को दोपहर 01 बजकर 35 मिनट से हो जाएगा लेकिन उदयातिथि के अनुसार, चंपा षष्ठी का व्रत 29 नवंबर को ही होगा।
स्रोत : हिन्दुस्थान पोस्ट