सारणी
- १. ‘हिंदू रक्षा निधि’ निर्माण करें !
- २. पंचसूत्री कार्यक्रम चलाकर धर्मकार्यमें मृतकोंके परिजनोंको सहायता करें !
- ३. चिकित्सकीय व्ययकी व्यवस्था करें !
- ४. अधिवक्ताओंके माध्यमसे सहायता प्राप्त करा दें !
श्री. नटेशन, गोवर्धन ट्रस्ट, तमिलनाडु
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१. ‘हिंदू रक्षा निधि’ निर्माण करें !
स्थानीय स्तरपर ‘हिंदू रक्षा निधि’ निर्माण करें । किसी कार्यकर्ताकी हिंदुत्व रक्षाका कार्य करते हुए मृत्यु हो जाए, तो उसके परिजनोंको तत्काल १ लाख रुपएकी राशि मिले, ऐसी व्यवस्था हो । बडे-बडे ट्रस्टोंके केवल ‘होने’से क्या उपयोग ?
२. पंचसूत्री कार्यक्रम चलाकर धर्मकार्यमें मृतकोंके परिजनोंको सहायता करें !
पंजाबमें एक व्यक्तिने दिल्लीमें हुए दंगेमें मृत सिखोंके परिवार जनोंकी सहायता करनेके लिए घर-घर जाकर १ करोड रुपए इकट्ठा किए । सर्व संगठन पंचसूत्री कार्यक्रम चलाएं । उसके अंतर्गत किसी हिंदुत्ववादीकी धर्मके लिए संघर्ष करते हुए मृत्यु हो जाए, तो उसके परिजनोंको एक सप्ताहके भीतर १ लाख रुपएकी राशि मिले । बीमा योजनाद्वारा यह कर सकते हैं । वर्तमानमें हम यह कर ही रहे हैं ।
३. चिकित्सकीय व्ययकी व्यवस्था करें !
कोई हिंदुत्ववादी संघर्ष करते समय घायल हो जाए और चिकित्सालयमें भर्ती हो, तो उसके परिवारकी देखभाल करनेवाला कोई तो हो । उसके चिकित्सकीय व्ययको उठानेवाला भी कोई हो । संघर्ष करनेवाले सभी लोगोंका बीमा कराएं ।
४. अधिवक्ताओंके माध्यमसे सहायता प्राप्त करा दें !
संघर्ष करनेवाला कारावासमें हो, तो उसे स्थानीय स्तरपर ‘हिंदू रक्षा निधि’द्वारा कानूनी सहायता प्राप्त होनी चाहिए । इस हेतु अधिवक्ताओंका एक संगठन हो । अधिवक्ता मिले, इसके लिए हम विधिक शिक्षा लेनेवाले छात्रोंको पहलेसे ही वैसी शिक्षा तथा सहायता दे सकते हैं ।’
– श्री. नटेशन, गोवर्धन ट्रस्ट, तमिलनाडु