‘स्टेट बैंक ऑफ इंडिया’ की कुछ शाखाओं ने मुंबई की दादर एवं गोवंडी की शाखाओं को ‘1 दिसंबर 2022 से रविवार के स्थान पर प्रति शुक्रवार छुट्टी देने का निर्णय लिया था । हिन्दू जनजागृति समिति सहित विभिन्न हिन्दू संगठनों ने एवं जागृत नागरिकों ने इस निर्णय का विरोध किया था । इसके संदर्भ में हिन्दू जनजागृति समिति के शिष्टमंडल ने गोवंडी शाखा, दादर शाखा एवं नरिमन पॉईंट की मुख्य शाखा में ज्ञापन प्रस्तुत कर यह निर्णय रद्द करने की मांग की थी । अंततः आज ‘स्टेट बैंक ऑफ इंडिया’ के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से बैंक ने यह निर्णय वापस लेने की घोषणा की । धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में किसी एक समुदाय का तुष्टीकरण करने का यह प्रयास निंदनीय है । बैंक ने यह निर्णय वापस लिया, इसका हिन्दू जनजागृति समिति स्वागत करती है । समिति ने यह भी कहा है कि ऐसा अन्य कहीं होने की बात ध्यान में आई, तो हम उसका विरोध करेंगे ।
In view of the public sentiment and their convenience, we have decided to maintain the status quo in respect of 'weekly off' of the few branches including Govandi Branch. The 'weekly off' will continue to be on Sunday / Monday, as usual.
— CGM (Mumbai Metro Circle), SBI (@CGMSBIMum) November 30, 2022
Another win for hindus!
Another wrong corrected after social media outrage.. SBI @CGMSBIMum has reversed it order of declaring holiday on Friday..
Now as before it will be closed on Sunday & Monday only
Thanks for respecting sentiments of citizens @TheOfficialSBI https://t.co/QTKe3SqE5h pic.twitter.com/VtRdfMLxOP— Ritu #सत्यसाधक (@RituRathaur) November 30, 2022
‘स्टेट बैंक ऑफ इंडिया’ के इस निर्णय के कारण जनसामान्यों में बैंक के द्वारा मुसलमानों के लिए अनुकूल निर्णय लिए जा रहे हैं, यह भावना उत्पन्न हुई है । शासन के द्वारा नियंत्रित बैंकों में किसी विशिष्ट धर्म के लिए अनुकूल निर्णय लेना अन्य धर्मियों के साथ अन्याय करने जैसा ही है । समिति द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि बैंक को शुक्रवार को छुट्टी घोषित की जा रही है, तो हम पाकिस्तान में रह रहे हैं अथवा हिन्दुस्थान में ?’, समिति ने बैंक से यह प्रश्न पूछा था कि ‘स्टेट बैंक ऑफ इंडिया’ की कुछ शाखाओं के द्वारा छुट्टी के दिनों में परिवर्तन लाने का निश्चित क्या कारण है ? समिति ने यह निर्णय वापस नहीं लिया गया, तो आंदोलन करने की चेतावनी दी थी । अब भले ही बैंक ने यह निर्णय वापस लिया हो; परंतु तब भी केंद्र सरकार को इस घटना की व्यापक जांच कर ऐसा निर्णय लेनेवालों पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए । समिति ने यह मांग की है ।
समिति की ओर से दिया हुआ निवेदन…