तेलंगाना के हैदराबाद में एक विद्यालय में छठी क्लास के छात्र को अय्यपा माला पहनने की वजह से विद्यालय में अनुमती नहीं दी गई। मामला मलकपेट क्षेत्र के मोहन्स ग्रामर विद्यालय का है। स्थानीय लोगों ने इस बात पर विद्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया। घटना बुधवार की है।
इस बच्चे ने 41 दिन की अय्यपन दीक्षा ली थी, जिसमें भक्तों को सबरीमाला में भगवान अय्यपन के दर्शन से पहले 41 दिन तक व्रत रखना होता है। इस दौरान वे काले रंग के कपड़े और अय्यपा माला पहनते हैं। इन 41 दिनों तक भक्त नंगे पैर चलते हैं।
दीक्षा प्रचारक समिति ने कहा – ‘इसाई विद्यालय मनमानी कर रहे’
अखिल भारत दीक्षा प्रचारक समिति के राष्ट्रीय प्रचारक कार्यदर्शी प्रेम गांधी ने कहा कि, यदि किसी ने हमें रोकने की कोशिश की, तो हम प्रदर्शन करने को तैयार हैं। गांधी ने कहा कि, तेलंगाना में इसाई मिशनरी और दूसरे धर्मों के निजी विद्यालय अपनी मनमानी कर रहे हैं। वे बच्चों को अय्यपा माला पहनने से रोक रहे हैं।
आज हमने अय्यपा स्वामी के 1000 भक्तों के साथ मिलकर विद्यालय के सामने प्रदर्शन किया, जिसके जवाब में विद्यालय प्रशासन ने कहा है कि वे बच्चों को अय्यपा माला पहनकर विद्यालय में दाखिल होने देंगे। पूरे प्रदेश में इस तरह की घटनाएं हो रही हैं, इसलिए हम प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि बिना किसी हंगामे के सभी को उनके अनुसार रहने दिया जाए।
स्रोत: दैनिक भास्कर