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तमिलनाडु के ऐतिहासिक अरुणाचलेश्वर मंदिर में देवता के मुख पर लगाया सीसीटीवी

अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए ऐसा कर रही DMK सरकार – भाजपा का आरोप

तमिलनाडु में देवता के मुंह पर कैमरा

तमिलनाडु के एक मंदिर में देवता के चेहरे पर ही सीसीटीवी कैमरा लगाने का मामला सामने आया है। भाजपा ने इसकी आलोचना करते हुए राज्य की डीएमके सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।

मामला तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले के अरुणाचलेश्वर मंदिर का है। इस मंदिर में स्थित एक मूर्ति के चेहरे पर कैमरा लगा दिया गया था। तमिलनाडु के भाजपा अध्यक्ष ने इसकी आलोचना की है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई ने कहा कि राज्य की सत्तारूढ डीएमके सरकार में मूर्तियों के लिए कोई सम्मान नहीं है। उन्होंने कहा, “एक देवता के चेहरे पर कील ठोक कर एक कैमरा लगा दिया गया, क्योंकि नास्तिक हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग का प्रबंधन कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “सही दिमाग का कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं करेगा। यह डीएमके की एक सुनियोजित कार्रवाई है, क्योंकि वे बहुमत के लिए मुद्दे बनाकर अल्पसंख्यक समुदाय को खुश करना चाहते हैं। इस बर्बरता की जिम्मेदारी कौन लेगा ?”

राज्य के बंदोबस्ती विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “देवताओं के प्राचीन आभूषणों और गहनों को पिघलाकर सोने की छडों में बदला जा रहा है। इससे भ्रष्टाचार का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। डीएमके आध्यात्मिक मान्यताओं का लगातार अनादर कर रही है। इसे न तो लोग क्षमा करेंगे और न ही देवता।”

अन्नामलाई ने आरोप लगाया कि, मंदिर के पुजारियों के लिए प्रशिक्षण की अवधि को भी पांच साल से घटाकर एक साल कर दी गई है। यह बेहद निंदनीय है। डीएमके अपनी विचारधारा को परंपराओं और आध्यात्मिक मठों पर थोपने की कोशिश कर रही है।

भाजपा के राज्य प्रमुख ने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह नास्तिक होने के बावजूद भी लोगों की संस्कृति, परंपरा, विश्वास और अगम नियमों को संरक्षित करे और उसके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ ना करे।

बता दें कि कार्तिगई दीपम उत्सव के मद्देनजर पुलिस द्वारा मंदिर के अंदर कुल 55 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। कोविड-19 महामारी के बाद पहली बार आयोजित इस उत्सव में लगभग 30 लाख भक्तों के आने की उम्मीद है। इसको ध्यान में रखकर सुरक्षा के लिए कैमरे लगाए गए हैं।

दीपम उत्सव 5 और 6 दिसंबर को होगा। 6 दिसंबर को अयोध्या के बाबरी ढांचा गिराए जाने की भी बरसी है। पुलिस का कहना है कि यह सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है कि किसी भी तरह की कोई अनहोनी ना हो।

सावधानी के मद्देनजर इस पाँच मंजिला ऐतिहासिक मंदिर के अंदर 70 फुट ऊंचे कट्टई गोपुरम पर द्वारपाल (संरक्षक देवता) के चेहरे पर एक सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था। मंदिर में चार मुख्य गोपुरम और 5 छोटे गोपुरम हैं।

जब भक्तों ने द्वारपाल के चेहरे पर सीसीटीवी कैमरा देखा तो हंगामा कर दिया। कैमरा लगाने से वहाँ का प्लास्टर हट गया और मूर्ति का चेहरा क्षतिग्रस्त हो गया। हंगामे को देखते हुए अधिकारियों ने मंदिर का निरीक्षण किया और वहाँ से कैमरा हटाने के लिए कहा। इसके साथ ही क्षतिग्रस्त चेहरे का भी मरम्मत कर दिया गया है।

स्रोत: ऑप इंडिया

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