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‘लव जिहाद’ को बढावा देने के आरोप में सरकारी कॉलेज ने 6 शिक्षकों के पढाने पर लगाई रोक

इंदौर : एबीवीपी ने इंदौर में गुरुवार को ये गंभीर आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया कि, शहर के शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय में कुछ शिक्षक ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा दे रहे हैं। यह भी आरोप लगाया कि नए विद्यार्थियों के बीच धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दे रहे हैं और उनके मन में देश की सरकार और सेना को लेकर नकारात्मक बातें भर रहे हैं। विरोध के बाद महाविद्यालय प्रबंधन ने जिला न्यायालय के किसी अवकाशप्राप्त न्यायाधीश से इन आरोपों की जांच कराने की बात कही है। साथ ही निर्णय लेते हुए छह शिक्षकों को शैक्षणिक कार्य से पांच दिन के लिए हटा दिया है, जिनमें चार मुस्लिम शिक्षक शामिल हैं।

धार्मिक कट्टरता को दे रहे बढ़ावा

महाविद्यालय के एक अधिकारी ने इस कदम की यह जानकारी दी। शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय में एबीवीपी की इकाई के अध्यक्ष दीपेंद्र ठाकुर ने बताया कि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान को उनकी ओर से शिकायत सौंपी गई। आरोप लगाया गया है कि कुछ शिक्षक इस संस्थान के नये छात्र-छात्राओं के बीच धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देते हैं। उनके मन में भारत की सरकार तथा सेना को लेकर नकारात्मक विचार डालते हैं।

एबीवीपी ने लव जिहाद का आरोप लगाया

उन्होंने बताया कि शिकायत में यह आरोप भी लगाया गया है कि हर शुक्रवार को महाविद्यालय के प्राचार्य, मुस्लिम शिक्षक और इस समुदाय के छात्र-छात्रा मस्जिद में नमाज पढने जाते हैं। इस समय कक्षाएं नहीं लगती हैं। ठाकुर ने बताया कि शिकायत में महाविद्यालय परिसर में ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा दिए जाने और मांस खाए जाने का आरोप भी लगाया गया है।

जिला न्यायालय के रिटायर्ड जज करेंगे मामले की जांच

गौरतलब है कि ‘लव जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल दक्षिणपंथी संगठन यह दावा करने के लिए करते हैं कि मुस्लिम पुरुष अन्य धर्मों की महिलाओं को इस्लाम में धर्मांतरित करने के लिए लुभाते हैं। उधर, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान ने कहा कि हमारे महाविद्यालय का माहौल वैसा कतई नहीं है, जैसे आरोप लगाए जा रहे हैं। हालांकि, एबीवीपी की शिकायत गंभीर है और मैंने जिला न्यायालय के किसी अवकाशप्राप्त न्यायाधीश से इसकी जांच कराने का निर्णय लिया है।

पांच दिन के लिए टीचरों पर लगा प्रतिबंध

प्राचार्य ने बताया कि उन्होंने एबीवीपी की शिकायत पर छह प्राध्यापकों को शैक्षणिक कार्य से पांच दिन के लिए मुक्त कर दिया है, ताकि जांच प्रभावित न हो। उन्होंने पुष्टि की कि इनमें चार मुस्लिम शिक्षक शामिल हैं। प्राचार्य ने बताया कि शैक्षणिक कार्य से अस्थायी तौर पर हटाए गए लोगों में दो हिंदू शिक्षक भी हैं, जिनके खिलाफ एबीवीपी ने मनमर्जी से काम करने, विद्यार्थियों से ठीक से बात नहीं करने और अनुशासनहीनता के आरोप लगाए हैं।

इन शिक्षकों पर लगा है प्रतिबंध

शिक्षकों के नाम प्रोफेसर अमीक खोखर, डॉ. मिर्जा मोजीज बेग, डॉ फिरोज अहमद मीर, प्रो सुहैल अहमद वानी, प्रो मिलिंद कुमार गौतम और डॉ पूर्णिमा बिसे। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए एबीवीपी ने कहा है कि, प्रोफेसरों ने छात्रों के अलग-अलग मैसेजिंग ग्रुप बनाए हैं जिनका इस्तेमाल नफरत फैलाने वाले संदेश फैलाने के लिए किया जाता है।

स्रोत: नवभारत टाइम्स

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