मुंबई : श्रद्धा वालकर के पिता विकास वालकर ने आज महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की तरफ से मुझे यह भरोसा दिया गया है कि मेरी बेटी को न्याय जरूर मिलेगा। आज उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी मुझे यही आश्वासन दिया है। वालकर ने कहा कि मेरी बेटी श्रद्धा की मौत के बाद से मैं बहुत परेशान हूं, मेरी तबीयत भी ठीक नहीं रहती है। जितना संभव होगा मैं आज आपके समक्ष अपनी बातें रखूंगा। विकास वालकर ने कहा कि जिन बच्चों को 18 साल की उम्र के बाद आजाद रहने की इजाजत दे दी जाती है। उस पर कोई प्रतिबंध लाना चाहिए या उनकी काउंसलिंग की जानी चाहिए। जब मेरी बेटी ने हमारे परिवार को छोड़ा तब उसने कहा कि मैं बड़ी हो चुकी हूं और आत्मनिर्भर हूं, अब मैं कुछ भी कर सकती हूं। यह बात आज के दौर में सोचने वाली है।
…तो आज हमारी बेटी जिंदा होती
विकास वालकर ने कहा कि, यदि वसई पुलिस ने शुरुआत में हमारी मदद की होती तो आज हमारी बेटी जिंदा होती। आफताब ने मेरी बेटी की बेरहमी से हत्या की है, इस मामले की जांच कड़ाई से होनी चाहिये। अगर आफताब और उसका परिवार भी उसके साथ था तो उनकी भी जांच होनी चाहिए और उन्हें भी सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने कुछ मोबाइल ऐप्स के भी जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि आफताब पूनावाला को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। श्रद्धा विकास वालकर ने कहा कि बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने मेरी काफी मदद की है। मुंबई से दिल्ली आने जाने का सारा खर्च उन्होंने उठाया है।
दिल्ली पुलिस की जांच सही दिशा में चल रही है
विकास वालकर ने कहा कि दिल्ली पुलिस का जो इन्वेस्टीगेशन चल रहा है वह सही दिशा में चल रहा है। हालांकि, वसई पुलिस ने जांच में जो लापरवाही की है उसकी वजह से मुझे काफी दुख है। पुलिस ने अगर वक्त रहते इस पूरे मामले की अच्छे से जांच की होती तो मेरी बेटी आज जिंदा होती है या फिर श्रद्धा की मौत का सुराग मिलने में पुलिस को और भी आसानी होती। विकास वालकर ने कहा कि आफताब के परिवार को इस पूरे मामले की जानकारी थी लेकिन उनके परिवार ने हमें कोई भी जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा कि 23 सितंबर 2022 को मैं पुलिस स्टेशन गया लेकिन मेरी शिकायत 3 अक्टूबर को दर्ज की गई।
डेटिंग ऐप के जरिये आफताब से मिली थी श्रद्धा
श्रद्धा के पिता ने कहा कि मैं अपनी पत्नी से कभी अलग नहीं हुआ था। मेरी मां की तबीयत काफी ज्यादा खराब थी इस वजह से मैं उनके साथ रहता था। उन्होंने कहा कि श्रद्धा को ब्लैकमेल किया गया था इस वजह से वह खामोश थी। इस बात का जिक्र उसने अपनी शिकायत में भी किया था। उन्होंने कहा कि मैं शुरुआत से ही इस तरह के रिश्ते के खिलाफ था।तब मैं यह नहीं जानता था कि आफताब कौन है? एक डेटिंग ऐप के जरिए आफताब और श्रद्धा की मुलाकात हुई थी। इसलिए ऐसी ऐप पर नियंत्रण जरूर होना चाहिए।
मैंने श्रद्धा को मना किया था
घर छोड़ने के पहले मैंने श्रद्धा से बात की थी मैंने उससे कहा था कि आफताब हमारे समुदाय का नहीं है इसलिए उसके साथ मत रहो लेकिन श्रद्धा ने कहा मैं उसके साथ रहना चाहती हूं। आफताब ने मेरी बेटी का ब्रेनवाश किया था और उससे कहा था कि वह घर पर न रहे। इसी वजह से श्रद्धा ने घर छोड़ा और उसके साथ रहने लगी। विकास वालकर ने कहा कि मैं ज्यादातर श्रद्धा के दोस्तों से बातचीत करने की कोशिश करता था लेकिन मुझे कोई रिस्पांस नहीं मिल पाता था। मैंने आफताब की मां से भी शिकायत करने के पहले मुलाकात की थी लेकिन उन्होंने भी मुझे कोई जवाब नहीं दिया। श्रद्धा के दोस्तों ने मुझे यह कभी नहीं बताया कि उसके साथ क्या हुआ?
जब श्रद्धा ने 2019 में शिकायत की थी तब भी मुझे कोई जानकारी नहीं दी गई थी। पुलिस ने में भी मुझे इस बाबत कुछ नहीं बताया था। मैं जानना चाहता था कि आखिर श्रद्धा के ऊपर किस प्रकार का दबाव था। जो उसने मुझसे यह तमाम बातें शेयर नहीं की। मैंने उससे बातचीत करने की काफी कोशिश की लेकिन उसने ज्यादा जवाब नहीं दिया था।
स्रोत: नवभारत टाइम्स