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1992 में मुंबई को दहलानेवाले तबरेज खान मंसूरी 30 साल बाद गिरफ्तार, नाम बदलकर करता रहा गुमराह

मुंबई दंगों का एक आरोपी तबरेज खान मंसूरी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। मुंबई पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। यह आरोपी अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था। 30 साल पहले 1992 में इस वारदात को अंजाम देने के बाद से ही यह फरार चल रहा था। इसे मुंबई की अदालत ने 18 साल पहले 2008 में भगोड़ घोषित कर पुलिस हर हाल में इसकी गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। मुंबई दंगों के दौरान आरोपी तबरेज खान मंसूरी ने मलाड इलाके में हुई हिंसक गतिविधियों के दौरान मुख्य भूमिका निभाई थी।

मुंबई पुलिस के मुताबिक 1992 में मुंबई दंगों के दौरान मलाड इलाके में कई जगह हिंसा हुई थी। इन सभी स्थानों पर हिंसा की शुरुआत तबरेज मंसूरी और उसके आठ अन्य साथियों ने मिलकर की थी। इस मामले में इन सभी नौ आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस ने तलाश शुरू कर दी, लेकिन यह आरोपी फरार हो गया था। मामले की सुनवाई के दौरान कई बार इस आरोपी के ठिकानों पर कोर्ट से जारी समन और नोटिस भी चश्पा कराया। इसके बावजूद भी जब आरोपी हाजिर नहीं हुआ तो कोर्ट ने वर्ष 2004 में इसे भगोड़ा घोषित कर दिया था।

बरी हो चुके हैं दो आरोपी
पुलिस ने बताया कि इस मामले में नामजद नौ में से दो आरोपी पहले ही बरी हो चुके हैं। जबकि एक आरोपी की विवेचना के दौरान ही मौत हो गई थी। वहीं बाकी के छह आरोपी पुलिस की काफी कोशिशों के बावजूद भी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। इनमें तबरेज खान मंसूरी भी शामिल है। बताया जा रहा है कि तबरेज हिंसा फैलाने वाले इस गिरोह का मास्टर माइंड था।

रियल एस्टेट एजेंट के रूप में गुजार रहा था जीवन
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने फरारी के दौरान पास में ही इलाके में अपना ठिकाना बनाया था। इसने अपना नाम और पहचान दोनों ही बदल दिया था। अब वह बेहद शरीफ नागरिक के रूप में रहते हुए रियल एस्टेट एजेंट के रूप में अपना जीवन गुजारने लगा था। उसकी गिरफ्तारी के बाद कई लोगों को भरोसा ही नहीं हुआ कि यह वही तबरेज खान मंसूरी है, जिसने मलाड में ढेर सारे लोगों को सहज ही मरवा दिया था।

स्रोत: tv9 हिंदी

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