कर्नाटक के बेल्लारी क्षेत्र में दलितों को ईसाई धर्म अपनाने को लेकर मजबूर करने का मामला सामने आया है। दलितों को ईसाई बनाने के आरोप में एक पादरी और उसके परिवार पर मामला दर्ज किया गया है। इतना ही नहीं पादरी के 17 साल के बेटे पर पिछड़े समुदाय की एक नाबालिग से बलात्कार का आरोप भी लगा है। पुलिस ने कोप्पल के आरोपित पादरी सैमुअल और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जबकि उनके बेटे को बेल्लारी के रिमांड होम में भेज दिया गया।
धर्मांतरण और बलात्कार का मामला बेल्लारी के कोप्पल से आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पादरी सत्यनारायण उर्फ सैमुअल अपने प्रार्थना घर में लोगों को बरगला कर व प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराता है। इलाके के दलित समुदाय के एक शख्स ने ही पादरी के खिलाफ शिकायत दी थी। आरोप है कि पादरी ने इलाके के दलितों को प्रार्थना घर में आने के लिए मना लिया और यहां बपतिस्मा (धर्मांतरण वाली एक प्रकार की ईसाई रस्म) करवा दिया। इसके बाद पादरी और उसका परिवार लोगों पर ईसाई धर्म का पालन करने के लिए दबाव बनाने लगा।
हिन्दुओं के मुताबिक उन्हें हिंदू देवी-देवताओं की पूजा न करने की चेतावनी दी गई। आरोप है कि धर्मांतरण करा कर घर से हिंदू देवी-देवताओं की फोटो और मूर्तियां भी जब्त कर लीं गईं और उन्हें एक नहर में फेंक दिया गया। उनसे कहा गया कि, यदि उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं की पूजा की तो ‘बुरी शक्तियां’ उन्हें परेशान करेंगी।
पादरी की पत्नी पर आरोप है कि वह दलितों के बच्चों को चर्च ले जाती थी और उन्हें चर्च की गतिविधियों में शामिल करती थी। पीड़ित ने आरोप लगाया कि जब उसने समुदाय के नेताओं को जबरन धर्मांतरण के बारे में जानकारी दी तो पादरी ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और मार-पीट की।
इसके अलावा पादरी के नाबालिग बेटे ने समुदाय की ही एक लड़की को शादी का झाँसा देकर बलात्कार किया। जबरन धर्मांतरण का आरोप लगाने के बाद पीड़िता के परिवार ने रेप की शिकायत भी दर्ज कराई जिसके बाद पादरी के परिवार पर दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए। केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने पादरी और उसके परिवार को गिरफ्तार कर अदालत के सामने पेश किया। जहाँ से पादरी और उसकी पत्नी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया वहीं उसके नाबालिग बेटे को सुधारगृह में भेजा गया है।
स्रोत: ऑप इंडिया