हिन्दुओं के संगठित होने पर तिरुपति सहित अनेक मंदिर सरकारीकरण से मुक्त होंगे ! – श्री. बी.के.एस्.आर्. अय्यंगार पत्रकार तथा सामाजिक कार्यकर्ता सूचना
तिरुपति मंदिर सरकार के नियंत्रण में आने से पूर्व सरकार के लिए ही काम करता आया है तथा अब भी वही कर रहा है । तिरुपति मंदिर के आसपास के ऐतिहासिक एवं धार्मिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण निर्माणकार्य तोडे गए । यहां की धार्मिक परंपरा बंद करने का प्रयास किया गया । सरकार द्वारा नियंत्रित मंदिर समिति को हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं से कोई लेना-देना नहीं है । इसके लिए हिन्दुओं को अपना आत्मविश्वास न गंवाते हुए अपने धर्मबंधुओं को जागरूक करना होगा । विभिन्न न्यायालयों ने हिन्दुओं के मंदिरों को अधिग्रहित करने के संदर्भ में हिन्दुओं के पक्ष में जो निर्णय दिए हैं, उनका हिन्दुओं को अध्ययन करना चाहिए । हिन्दू यदि संगठित होते हैं, तो तिरुपति सहित अनेक मंदिर सरकारीकरण से मुक्त हो जाएंगे । पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता तथा सूचना अधिकार कार्यकर्ता श्री. बी.के.एस्.आर्. अय्यंगार ने ऐसा प्रतिपादित किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘तिरुपति मंदिर में चल रहे भ्रष्टाचार तथा अवैध चर्च के निर्माण को कैसे रोका जाए?’ विषय पर आयोजित विशेष ‘ऑनलाइन’ संवाद में वे बोल रहे थे ।
तेलंगाना की ‘ख्रिश्चन स्टडीज’ की अध्ययनकर्ता इस्टर धनराज ने कहा कि, तिरुपति देवस्थान में ईसाईपंथी लोग अपना काम चलाकर दुष्प्रचार कर रहे हैं, उन्हें वहां से बाहर निकाल देना चाहिए । ये लोग योजनाबद्ध ढंग से हिन्दुओं के मंदिरों में घुसपैठ कर उन्हें खोखला कर रहे हैं । यह सब रोकने के लिए हिन्दुओं को सतर्क रहकर उन पर ध्यान रखने के लिए एक समिति करनी चाहिए । इसके लिए कठोर कानून बनाने आवश्यक हैं तथा संविधान के कुछ अनुच्छेदों में भी परिवर्तन लाना आवश्यक है । विभिन्न हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के संगठित तत्त्वावधान में इस स्थिति में निश्चितरूप से परिवर्तन आएगा, यह मेरा विश्वास है ।