आगरा: यूपी का आगरा स्थित ताज महल दुनियाभर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहां हर रोज लाखों पर्यटक आते हैं। ताज महल को मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनाया था। ताजा मामला ये है कि आगरा नगर निगम ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को एक नोटिस जारी किया है और कहा है कि ताजमहल पर वाटर टैक्स के रूप में 1.9 करोड़ रुपए और प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में 1.5 लाख रुपए बाकि है, जिसका उसे भुगतान करना होगा। ये बिल फाइनेंशियल ईयर 2021-22 और 2022-23 का है।
नोटिस में क्या कहा गया?
नोटिस में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को कहा गया है कि वह अपने बाकि को 15 दिनों के अंदर जमा करे, नहीं तो प्रॉपर्टी (ताज महल) को कुर्क कर लिया जाएगा। वहीं इस मामले पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षक और पुरातत्वविद् राज कुमार पटेल ने कहा, ‘स्मारकों पर प्रॉपर्टी टैक्स लागू नहीं है। हम पानी के लिए टैक्स का भुगतान करने के लिए भी उत्तरदायी नहीं हैं क्योंकि इसका कोई व्यावसायिक उपयोग नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘ताज महल परिसर के भीतर हरियाली बनाए रखने के लिए पानी का उपयोग किया जाता है। पानी से संबंधित नोटिस और ताजमहल के लिए प्रॉपर्टी टैक्स की बात पहली बार सामने आई है। हो सकता है ये गलती से भेजा गया हो।’
Uttar Pradesh | A notice for water tax and one for property tax has been issued. The property tax is around Rs 1.40 Lakhs and the water tax is around Rs 1 Crore: ASI's Superintending Archaeologist (Agra circle) Raj Kumar Patel to ANI on tax notices for Taj Mahal pic.twitter.com/wuIhVxTXkR
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 20, 2022
म्युनिसिपल कमिश्नर ने क्या कहा?
म्युनिसिपल कमिश्नर निखिल टी फंडे ने कहा, ‘मुझे ताजमहल से संबंधित टैक्स संबंधी कार्रवाई के बारे में जानकारी नहीं है। टैक्स की गणना के लिए किए गए जीआईएस सर्वेक्षण के आधार पर नए सिरे से नोटिस जारी किए जा रहे हैं। सभी परिसरों सहित, सरकारी भवनों और धार्मिक स्थलों पर बकाया राशि के आधार पर नोटिस जारी किए गए हैं। कानून की उचित प्रक्रिया के बाद छूट प्रदान की जाती है। एएसआई को जारी किए गए नोटिस के मामले में, उनसे प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।’
असिस्टेंट म्युनिसिपल कमिश्नर का भी बयान आया सामने
असिस्टेंट म्युनिसिपल कमिश्नर और ताजगंज जोन की प्रभारी सरिता सिंह ने कहा, ‘ताजमहल पर वाटर एवं प्रॉपर्टी टैक्स के लिए जारी नोटिस के मामले की जांच की जा रही है। एक निजी कंपनी को जीआईएस सर्वे के आधार पर टैक्स वसूलने का काम सौंपा गया है। एएसआई के अधिकारियों ने कहा कि ताजमहल को 1920 में संरक्षित स्मारक घोषित किया गया था और ब्रिटिश शासन के दौरान भी स्मारक पर कोई हाउस या वाटर टैक्स नहीं लगाया गया था।
स्रोत: इंडिया टीवी