उत्तर प्रदेश में CAA के खिलाफ दंगा के मामले में पहली सजा का ऐलान हुआ है। मेरठ ट्रिब्यूनल की ओर से सुनवाई के क्रम में आरोपियों को सार्वनजनिक संपत्ति के नुकसान का दोषी करार दिया गया। एक्ट के क्लेम्स ट्रिब्यूनल के मेरठ डिवीजन ने 86 लोगों को सार्वजनिक रूप से नुकसान पहुंचाने के मामले में दंडित किया है। बता दें कि यह मामला अमरोहा में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान का है।
2019 CAA-NRC protesters: UP court imposes fine on 86 accused in first verdict
Read @ANI Story | https://t.co/2hZJEBhbJQ#CAA #NRC #UPCourt pic.twitter.com/vrhEyHdNQR
— ANI Digital (@ani_digital) December 24, 2022
ट्रिब्यूनल सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में 4.27 लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान करने का आदेश जारी किया गया है। बता दें कि अमरोहा में करीब तीन साल पहले विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का था मामला।
मेरठ में उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली दावा न्यायाधिकरण कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के खिलाफ यह पहला फैसला कोर्ट द्वारा दिया गया है। बता दें कि दिसंबर 2019 में अमरोहा में सीएए को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान सर्वाजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया था। इस मामले में मुकदमा संख्या 814/19 कायम किया गया, जिसमें 55 लोग आरोपी बनाए गए। दंगे में हुई क्षति की वसूली के लिए पुलिस ने दावा न्यायाधिकरण मेरठ में अपील की थी।
दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने 86 लोगों को आरोपी मानते हुए वसूली का आदेश दिए हैं। कोर्ट के फैसले के अनुसार 86 अभियुक्तों से 427439 रुपये की वसूली की जाएगी। जिसमें प्रत्येक व्यक्ति से 4971 वसूला जाएगा जुर्माना।
स्रोत: uptak