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क्रिसमस के दिन छत्तीसगढ में 20 परिवारों ने की घर-वापसी, गंगाजल ग्रहण कर ली शपथ

जिन किताबों को पढ़ कर बन गए थे ईसाई, उन्हें पानी में बहाया

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में क्रिसमस (25 दिसंबर, 2022) के दिन सामूहिक ‘घर वापसी’ की खबर है। बताया जा रहा है कि इस दौरान 20 परिवारों ने फिर से हिन्दू धर्म में आस्था जताते हुए गंगाजल ग्रहण किया। इस दौरान घर वापसी करने वालों ने उन पुस्तकों को पानी में विसर्जित किया, जिन्हें पढ़ा कर उन्हें अपने मूल धर्म से दूर किया गया था। बताया जा रहा है कि एक लम्बे समय अंतराल के बाद उस गाँव में क्रिसमस का कोई आयोजन नहीं हुआ।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘घर वापसी’ का यह सामूहिक आयोजन ग्राम पंचायत महिमागावड़ी के गाँव मडमनार में हुआ है। यहाँ के जिन लोगों ने घर वापसी की है, उनके नाम मंगलू राम, सोमजी, सीतूराम, मानकु, मानिक, सूखु, सुखदेव, कुमा, सोनरू, सिध्राय, फूल सिंह, बिसरू, खेमू और कोर्राम हैं। इन सभी ने घोषणा की है कि उनके द्वारा अपने मूल धर्म में की जा रही घर वापसी के पीछे कोई दबाव नहीं है। इस घर वापसी की वजह से गाँव में खुशियाँ भी मनाई गईं।

बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में धर्मांतरित हुए सभी लोगों ने हाथों में श्रीफल लिया और आगे से हिन्दू धर्म के अनुसार ही जीवन बसर करने का संकल्प लिया। उन्होंने अपने पूर्व में हुए धर्म-परिवर्तन के दौरान और बाद में मिली किताबों को पानी में प्रवाहित कर दिया। इस आयोजन का गवाह पूरा गाँव बना। समाज के सभी लोगों ने घर वापसी करने वालों का स्वागत किया। बताया जा रहा है कि इस आयोजन के बाद अब गाँव मडमनार में एक भी धर्मांतरित व्यक्ति नहीं बचा है।

इस आयोजन का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में घर वापसी करने वाले व्यक्ति ने कहा कि धर्म परिवर्तन के बाद उनका समाज अलग जैसा हो गया था। उन्होंने फिर से हिन्दू धर्म में आ कर ख़ुशी जाहिर की है। वीडियो में ग्रामीणों द्वारा हिन्दू देवी-देवताओं के जयकारे लगाते भी सुना जा सकता है। एक अन्य व्यक्ति के मुताबिक घर वापसी करने वालों ने बाइबिल को बाइज्जत वापस कर दिया है। इस दौरान किसी भी प्रकार का कोई वाद-विवाद न होने की भी जानकारी दी गई है।

स्रोत: ऑप इंडिया

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