ज्येष्ठ कृष्ण ५ , कलियुग वर्ष ५११५
धर्मांधोंकी उद्दंडताको रोकनेवाले ऐसे धर्माभिमानी हिंदू सर्वत्र हों !
संभाजीनगर – यहांके वरझडी गांवमें कुछ धर्मांध एकत्रित आकर हिंदुओंके घरके समक्ष कब्रिस्तानका निर्माण कार्य कर रहे हैं । ( आजतकके सर्वपक्षीय राजनेताओंद्वारा की गई धर्मांधकी चापलूसीके कारण ही वे इस प्रकार हिंदुओंकी बस्तीमें आकर कब्रिस्तान बनानेका साहस करते हैं ! वर्तमान समयके वैचारिक सुन्नत हुए शासक मतोंकी चापलूसीके लिए इस विषयमें कुछ नहीं करेंगे । इसलिए हिंदू हितके लिए `हिंदू राष्ट्र’ स्थापित करना अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) इस विषयमें गांवके हिंदुओंने संभाजी सेनाके अध्यक्ष श्री. सुनील कोटकरसे संपर्क कर अपनी व्यथा प्रस्तुत की । ( वर्तमान समयके राजनेताओंके विषयमें हिंदुओंके मनमें अविश्वास है । इसीलिए वे ऐसे अवसरपर पुलिस अथवा शासकोंकी ओर न जाकर हिंदूनिष्ठ संगठनोंके पास जाकर अपने परिवाद प्रस्तुत करते हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) श्री. कोटकरने प्रत्यक्ष घटनास्थलका निरीक्षण किया एवं ग्रामवासियोंकी सहायतासे कब्रिस्तानका निर्माण कार्य रोका । ( हिंदुओंकी व्यथापर तत्परतासे ध्यान देकर उस विषयमें संगठित रूपसे कृत्य करनेवाले संभाजी सेनाके अध्यक्ष श्री. सुनील कोटकर एवं वरझडीके ग्रामवासियोंका अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) इस संदर्भमें प्रशासनको निवेदन दिया गया है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात