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आंध्रप्रदेशमें चारेके अभावमें गोशालाको दानमें मिले गोवंशोंकी मृत्यु !

ज्येष्ठ कृष्ण ५ , कलियुग वर्ष ५११५

हिंदुओ, गोवंशकी दुरावस्था करनेवाली कांग्रेस सरकारको कबतक सत्तामें रखोगे ?

मृत गोवंशोंको पशुवधखानेमें देनेका कृत्य


भाग्यनगर (आंध्रप्रदेश) – आंध्रप्रदेशके सिंहाचलमके श्री वराहलक्ष्मी नृसिंह स्वामी मंदिरकी गोशाला छल करनेवाली छावनी सिद्ध हो गई है । पिछले सप्ताह चारा न मिलनेके कारण दानमें मिली सौसे भी अधिक गौवें एवं बछडोंकी मृत्यु हो गई है । समाचार मिला है कि इस मृत्युके पश्चात गोवंशको पशुवधखानेमें दिया गया ।

श्री वराहलक्ष्मी नृसिंह स्वामी मंदिरमें श्रद्धालु मन्नतपूर्तिके अवसरपर गौवें एवं बछडोंका समृद्धि अर्पण अर्थात दान करते हैं । कुछ दिनोंसे चारा एवं पानीके अभावके कारण इस मंदिरकी गोशालामें गोवंश भूखे हैं । अपूर्ण भूमि एवं भयंकर गर्मीके कारण गोवंशकी समस्यामें और भी वृद्धि हो गई है । गोशालामें लगभग ५०० गौएं एवं बछडे हैं ।

प्रसारमाध्यमोंद्वारा गोवंशोंकी मरणप्राय स्थितिके छायाचित्र प्रसिद्ध करते ही राज्यका पशुसंवर्धन विभाग हडबडाकर जागृत हुआ । ( जो बात प्रसारमाध्यमोंके ध्यानमें आती है, वह सभी तंत्रोंको हाथमें रखनेवाली सरकारके ध्यानमें क्यों नहीं आती ? प्रसारमाध्यमोंद्वारा आवाज उठानेपर जागृत होनेवाली सरकारके पोषणके लिए इतना व्यय क्यों होना चाहिए ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) उनके छापा मारनेके पश्चात अधिक गंभीर बातें उजागर हुई हैं । गोशालाके कर्मचारी ट्रैक्टरकी ट्रॉलीमें गोवंशोंको ठूंसकर रात्रिके अंधःकारमें गुप्त रूपसे पाशुवधखानेकी ओर जाते हुए दिखाई दिए ।

मंत्रीद्वारा आदेश दिए जानेपर गोशालामें गोवंशके लिए चारा एवं पानीकी सुविधा

इस गोशालाके गोवंशकी दुस्थितिकी जानकारी प्राप्त होनेके उपरांत आदिवासी विकासमंत्री पी. बालाराजूने शासकीय दलबलके साथ घटनास्थलपर जाकर परिस्थितिका निरीक्षण कर जांच करनेके  आदेश दिए । अब इस स्थानपर चारा एवं पानीकी सुविधा प्रदान की गई है तथा मरणप्राय स्थितिमें रहनेवाले गोवंशोंपर तत्काल उपचार आरंभ कर दिए गए हैं ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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