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बांग्लादेश में हिन्दू संगठन के नेता को पैगंबर का कथित अपमान करने के लिए ७ वर्ष का कारावास !

  • वे हिन्दुओं के धर्मांतरण का विरोध कर रहे थे !

  • हिन्दू नेता का आरोप है कि झूठा फेसबुक खाता बनाकर उसके माध्यम से पैगम्बर का अपमान करने वाले लेख प्रसारित किए गए !

राकेश रॉय

बांग्लादेश में एक हिंदू नेता राकेश रॉय को ईशनिंदा के आरोप में 7 साल की सजा सुनाई गई है। राकेश रॉय ‘जातिया हिंदू मोहजोते’ संगठन के सदस्य हैं। उन पर आरोप था कि उन्होंने जून 2017 में फेसबुक पर पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसके कारण कई जगह प्रदर्शन और जुलूस हुए और अंत में उनकी गिरफ्तारी हुई।

राकेश रॉय को सजा दिलाने के लिए राज्य सरकार के वकील मुस्तफा दिलावर अल अजहर ने अपनी दलीलें दी। वहीं जज अबुल कासिम ने शिकायत ने हिंदू नेता को 7 साल की सजा सुनाई। आईसीटी अधिनियम की धारा 57 (जिसे डिजिटल सुरक्षा अधिनियम में बदल दिया गया था) के तहत जेल की सजा के अलावा, राकेश पर 100,000 टाका का जुर्माना लगाया गया।

राज्य सरकार के वकील ने बताया कि रॉय पहले बेल पर था। लेकिन सजा होने के बाद उसे जेल भेज दिया गया।

इस संबंध में राकेश के वकील इश्तियाक अहमद चौधरी ने कहा कि वो इस फैसले के विरुद्ध हाई कोर्ट में अपील करेंगे क्योंकि वह इससे संतुष्ट नहीं हैं। राकेश रॉय के अनुसार, साल 2017 में अब्दुल अजीज नाम का शख्स जाकीगंज में हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवा रहा था। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो कुछ लोगों ने उनके नाम से फेक आईडी बनाई और पैगंबर पर आपत्तिजक टिप्पणी की और फिर उनकी गिरफ्तारी की माँग की जाने लगी।

राकेश रॉय की गिरफ्तारी

बता दें कि साल 2017 में राकेश रॉय द्वारा किए गए फेसबुक पोस्ट के खिलाफ छात्र जमीयत के नेता फुजयल अहमद ने धारा 57 (2) के तहत अपनी शिकायत दी थी। शिकायत में कहा गया था कि हिंदू नेता ने अपनी फेसबुक पर पैगंबर को लेकर पोस्ट किया, इसलिए उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी जरूरी है।

सिलहट के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने भी इस संबंध में बताया था कि राकेश को जैंतियापुर उपजिला के लालखाल से गिरफ्तार किया गया क्योंकि पैगंबर मोहम्मद पर किया गया राकेश का आपत्तिजनक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। इसकी वजह से जाकीगंज में प्रदर्शन और जुलूस भी हुए। सबने रॉय की गिरफ्तारी की माँग की थी। इसी क्रम में उन्हें पकड़ा गया।

स्रोत: ऑप इंडिया

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