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महाराष्ट्र के नांदेड़ में महादेव कोली जनजाति की छात्रा को इसलिए जाति प्रमाण-पत्र नहीं दिया गया क्योंकि महिला और उसका परिवार हिंदू देवी-देवताओं की उपासना करता है। TV9 मराठी की रिपोर्ट के अनुसार, मयूरी कोली नाम की छात्रा को जाति प्रमाण-पत्र से वंचित किए जाने के बाद समाज का गुस्सा फूट पडा। समाज के लोगों ने सड़क पर उतर कर निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन किया।
मामला नांदेड़ जिले के हडगांव के खारतवाड़ी गांव का है। गांव की युवती मयूरी पुंजरवाड ने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की है। मयूरी अब एमडी की पढ़ाई करना चाहती है। एमडी में दाखिले के सिलसिले में छात्रा अपना जाति प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए जाति वैधता समिति से निवेदन करती है। समिति के लोग यह कहते हुए उसे प्रमाण-पत्र देने से इनकार कर देते हैं कि वह देवी-देवताओं की पूजा करती है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि छात्रा मयूरी के पिता के पास कोली जनजाति का प्रमाण-पत्र है। वही प्रमाण पत्र अब उनकी बेटी को नहीं दिया जा रहा है।
मयूरी के पिता का कहना है कि समिति के कुछ लोगों ने उनके घर पर भगवान शिव और दूसरे देवी-देवताओं की मूर्तियां देखी। समिति के लोगों का कहना है कि मयूरी हिंदू-देवी देवताओं की पूजा करती है इसलिए वह महादेव कोली जनजाति से अलग है और उसे प्रमाण-पत्र नहीं दिया जा सकता।
जाति प्रमाण-पत्र न मिलने से आहत छात्रा का कहना है कि यदि हिंदू देवी देवताओं की पूजा करने से मुझे शिक्षा से वंचित होना पड़ेगा तो वह देवी-देवताओं की पूजा नहीं करेगी। कास्ट सर्टिफिकेट न दिए जाने से नाराज महादेव कोली समाज के लोगों का भी कहना है कि यदि देवी-देवताओं की पूजा करने के लिए उन्हें जाति प्रमाण -पत्र से वंचित किया जाएगा तो वे कलेक्टर ऑफिस तक मार्च निकालेंगे और अपने घर में विराजमान देवी-देवताओं की तस्वीरें व मूर्तियों को अधिकारियों को सौंप देंगे।
स्रोत: ऑप इंडिया