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शिवमोगा (कर्नाटक) से इस्लामिक स्टेट के दो सक्रिय सदस्य गिरफ्तार, एक इंजीनियरिंग का छात्र

बड़ी घटना को अंजाम देने की थी तैयारी

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को शिवमोगा में आईएसआईएस साजिश मामले में कर्नाटक में 6 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान एनआईए ने आईएसआईएस से जुड़े दो संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए युवकों में से एक इंजीनियरिंग का छात्र है। आरोपियों की पहचान उडुपी के रेशान ताजुद्दीन शेख और शिवमोगा जिले के हुजैर फरहान बेग के रूप में हुई है। जांच एजेंसियों को शक है कि दोनों युवक आईएसआईएस के ऑपरेटिव हैं।

खबर के अनुसार,  एनआईए ने कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़, शिवमोगा, दावणगेरे और बेंगलुरू में छापेमारी की। इसी दौरान जांच में पता चला है कि शिवमोगा आईएसआईएस साजिश मामले में आरोपी माज मुनीर ने रेशान ताजुद्दीन और अन्य आरोपी युवक को कट्टरपंथी बनाया। जिसके बाद रेशान ताजुद्दीन शेख और हुजैर फरहान बेग को आईएसआईएस के आतंकियों ने फंडिंग की। यह फंडिंग क्रिप्टो वॉलेट के द्वारा राज्य में आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए की गई थी। दोनों बड़ी हिंसक और विनाशकारी योजना के तहत आगजनी और वाहनों और शराब की दुकान, गोदाम और ट्रांसफॉर्मर सहित अन्य संस्थानों को निशाना बनाने में संलिप्त थे.” इस खुलासे के बाद एनआईए ने आईएसआईएस के संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

आईएसआईएस के संदिग्ध आरोपी का पिता कांग्रेस कार्यकर्ता

डी के शिवकुमार के साथ रेशान ताजुद्दीन शेख (Source: TOI)
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ रेशान ताजुद्दीन शेख (Source : India today)

एनआईए ने संदिग्धों को ठिकानों से डिजिटल डिवाइस और कई अन्य दस्तावेज भी सीज कर दिए हैं।  वहीं उडुपी से भाजपा विधायक रघुपति भट का दावा है कि गिरफ्तार किया गया संदिग्ध रेशान शेख का पिता ताजुद्दीन शेख कांग्रेस का सक्रिय कार्यकर्ता है और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार का करीबी है। बीजेपी नेता ने कांग्रेस से इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है।

क्या है शिवमोगा आईएसआईएस साजिश केस ?

बीते साल सितंबर माह में कर्नाटक पुलिस ने शिवमोगा में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपी खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस से प्रेरित थे और भारत में खलीफा शासन और शरिया कानून लागू करना चाहते हैं। पुलिस का आरोप है कि संदिग्ध आतंकी विस्फोटक खरीदने की फिराक में थे और इनकी योजना जगह जगह आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की थी। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इंजीनियर सैयद यासीन (21 वर्ष) इंजीनियरिंग का छात्र माज मुनीर अहमद (22 वर्ष) और शारिक (24 वर्ष) के रूप में हुई थी। इस मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब आरोपी मोहम्मद शारिक ऑटो रिक्शा में कुकर बम लेकर जा रहा था, उसी दौरान कुकर बम में ब्लास्ट हो गया। जब पुलिस ने मामले की जांच की तो इसके तार आईएसआईएस से जुड़े पाए गए। जांच के बाद पुलिस ने मोहम्मद शारिक और उसके साथियों को गिरफ्तार किया था।

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