अयोध्या के राम मंदिर पर हमले की आतंकी संगठन योजना बना रहे हैं। 2024 से पहले राम मंदिर को निशाना बनाना उनका मेन टारगेट है। बताया जा रहा है कि इस साजिश पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद मिल कर काम कर रहे हैं। आतंकी नेपाल के रास्ते भारत में घुस सकते हैं। आत्मघाती हमला होने की आशंका भी जताई गई है।
न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों ने रामजन्मभूमि को अपने सबसे बड़े टारगेट के तौर पर रखा हुआ है। इस हमले के जरिए वे भारत में सांप्रदायिक हिंसा फैलाना चाहते हैं। अस्थिरता पैदा कर दुनिया भर में भारत की छवि को खराब करने की प्लानिंग की जा रही है। बताया गया है कि पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI खुद इस प्लानिंग की मॉनीटरिंग कर रहा है। साजिश को अंजाम देने के लिए नेपाल के रास्ते गोला-बारूद और आतंकी भेजे जा सकते हैं।
सूत्रों द्वारा बड़ी खबर
जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन अयोध्या में बन रहे राम मंदिर पर आतंकी हमले की बना रहें है योजना।आतंकी समूह नेपाल के रास्ते गोला-बारूद और आत्मघाती हमलावर लाने का कर रच रहे हैं षड्यंत्र–खुफिया सूत्र@TV9Bharatvarsh— Ashutosh Pathak (@ashutoshaLive) January 10, 2023
बताया जा रहा है कि लंबे समय से भारत में कोई बड़ी आतंकी घटना को अंजाम नहीं दे पाने के कारण पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी पर भारी दबाव है। भारतीय सुरक्षा बलों ने न सिर्फ सीमा पार आतंकवाद बल्कि ड्रग्स और नकली नोट की तस्करी पर भी काफी लगाम लगाई है। ऐसे में उसके सामने अस्तित्व का संकट है। खुद को बचाए रखने के लिए ISI भारत की किसी प्रतिष्ठित जगह को निशाना बनाना चाहती है। यही कारण है कि राम मंदिर पर हमला उसके टारगेट में सबसे ऊपर है।
गौरतलब है कि पहले भी अयोध्या में आतंकी हमले हो चुके हैं। 5 जुलाई 2005 को भक्त बनकर आए आतंकियों ने हमला किया था। इस दौरान आतंकियों ने डेढ़ घंटे तक सुरक्षा बलों पर गोलियाँ चलाई। अंत में एक लम्बी मुठभेड़ के बाद सभी 5 आतंकी मार गिराए गए थे। नवम्बर 2019 में अयोध्या में हमले के लिए 7 पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ का अलर्ट जारी हुआ था। इस दौरान भी आतंकियों ने नेपाल के रास्ते का प्रयोग किया था। अगस्त 2021 में जम्मू पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद के 4 आतंकियों को गिरफ्तार किया था। ये आतंकी भी अयोध्या में हमले की साजिश रच रहे थे।
संदर्भ : ऑपइंडिया